Prayagraj News: तस्करों के खिलाफ STF की बड़ी कार्रवाई, डेढ़ करोड़ की शराब पकड़ी; इस तरह कर रहे थे तस्करी
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की प्रयागराज यूनिट ने अमेठी और सुल्तानपुर पुलिस की मदद से पांच अंतरराज्यीय शराब तस्करों को गिरफ्तार किया। चंडीगढ़ से तस्करी कर बिहार भेजी जा रही शराब की दो खेप जब्त की गई है। दो ट्रक में बरामद शराब की बाजार में कीमत डेढ़ करोड़ रुपये आंकी गई है। STF की प्रयागराज टीम ने यह कार्रवाई की है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की प्रयागराज यूनिट ने अमेठी और सुल्तानपुर पुलिस की मदद से पांच अंतरराज्यीय शराब तस्करों को गिरफ्तार किया। चंडीगढ़ से तस्करी कर बिहार भेजी जा रही शराब की दो खेप जब्त की गई है। दो ट्रक में बरामद शराब की बाजार में कीमत डेढ़ करोड़ रुपये आंकी गई है।
एसटीएफ प्रयागराज यूनिट ने रविवार रात शराब तस्करों के आने सूचना पर अमेठी के कमरौली में पलिया पश्चिम मोड़ के पास नाकाबंदी कर ट्रक को पकड़ लिया। ट्रक में पोस्ता भरी 148 बोरियों के बीच 631 पेटी अवैध शराब मिली। इसकी अनुमानित कीमत 90 लाख रुपये बतायी गई।
सड़े अंडे की बोरियों में थी शराब
एसटीएफ ने यहां अंबाला में थाना सदर के बाड़ा गांव के ट्रक ड्राइवर गुरप्रीत सिंह, सह चालक कृष्ण कुमार तथा खलासी आशु कुमार को पकड़ा। एसटीएफ की इसी टीम ने सुल्तानपुर के कूरेभार से भी एक ट्रक को पकड़ा। उसके चालक अंबाला के नरेंद्र सिंह और उसके साथी जींद के जोगेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। इस ट्रक में सड़े अंडे की बोरियों के बीच 480 पेटी अंग्रेजी शराब मिली जिसकी बाजार में कीमत 60 लाख रुपये है।
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आरोपितों ने बताया कि वह ट्रक का पंजीयन नंबर बदलकर बिहार के लिए निकले थे। कुल डेढ़ करोड़ रुपये कीमत की शराब के साथ गिरफ्तार पांचों ने एसटीएफ को बताया कि ये हरियाणा में फतेहाबाद के पवन कुमार, हिसार के मनवीर सिंह उर्फ मनु तथा चंडीगढ़ में जीरखपुर के योगेश साथ दस वर्ष से शराब की तस्करी कर रहे हैं।
कई राज्यों में है तस्करों का नेटवर्क
पवन कुमार शराब तस्करों का सरगना है। वह बिहार, झारखंड, गुजरात में स्थानीय तस्करों से मिलकर शराब का कारोबार करता है। इन राज्यों में शराब प्रतिबंधित है। यह गिरोह हरियाणा और चंडीगढ़ से कम कीमत की शराब यूपी तथा बिहार में सप्लाई करता है।
बिहार में जहां खेप पहुंचानी होती है, उसके बारे में वाट्सएप काल के जरिए आखिरी समय में बताया जाता है। इसके पहले ट्रक चालक को नहीं पता होता कि किसे शराब की खेप देनी है। हर फेरे के बाद ट्रक ड्राइवर के इनाम के तौर पर 25 हजार रुपये दिए जाते हैं।