Prayagraj News : चाचा-भतीजे की मौत से ग्रामीणों में उबाल, दिन भर हंगामा- पांच को भेजा जेल, बाकी हैं फरार
Prayagraj News उतरांव क्षेत्र के आराकला के मजरा कजरीगढ़ गांव निवासी सुरेंद्र कुमार दुबे का उनके पड़ोसी राम अभिलाष यादव से एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। दीपावली पर उसी विवादित जमीन पर एक पक्ष ने दीपक जला दिया था। इसी पर दोनों पक्षों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। आरोप है कि राम अभिलाष पक्ष ने लाठी डंडा गड़ासा सहित अन्य हथियार से हमला कर दिया।
संसू, जागरण, उतरांव : आरा कला गांव में जितेंद्र दुबे और उसके भतीजे पवन की मौत के बाद सोमवार को ग्रामीणों में उबाल रहा। नाराज घरवालों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मांग पूरी नहीं होने पर हंगामा करते रहे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सुबह से मान-मनौव्वल में जुट गए, लेकिन शाम को डीएम व एडिशनल सीपी के समझाने तथा आश्वासन देने पर गमजदा परिवार माना। इसके बाद गम और गुस्से के बीच दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
पुलिस ने बढ़ाई हत्या की धारा
पुलिस ने मुकदमे में आरोपितों के विरुद्ध हत्या की धारा भी बढ़ा दी है। इस दौरान घटना को लेकर इंटरनेट मीडिया पर तरह-तरह के संदेश भी चलते रहे। एहतियातन गांव में पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया है।उतरांव क्षेत्र के आराकला के मजरा कजरीगढ़ गांव निवासी सुरेंद्र कुमार दुबे का उनके पड़ोसी राम अभिलाष यादव से एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है।दीपावली पर उसी विवादित जमीन पर एक पक्ष ने दीपक जला दिया था। इसी पर दोनों पक्षों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। आरोप है कि राम अभिलाष पक्ष ने लाठी, डंडा, गड़ासा सहित अन्य हथियार से हमला कर दिया। इससे पवन कुमार दुबे, राजेंद्र प्रसाद दुबे, इंद्र कुमार, प्रद्युम्न कुमार, जितेंद्र प्रसाद दुबे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार सुबह पवन कुमार की मौत हो गई।
आरोपियों के मकान पर बुल्डोजर चलाने की मांग
पोस्टमार्टम के बाद शव गांव ले जाया गया तो घरवालों ने आरोपितों के मकान पर बुलडोजर चलाने सहित कई मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। यह भी कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक अंत्येष्टि नहीं करेंगे। इसी बीच रविवार रात ही पवन के चाचा जितेंद्र की मौत हो गई। इससे मृतक के परिवार ही नहीं बल्कि गांव वालों में भी आक्रोश फूट पड़ा।
डीएम और पुलिस कमिश्नर को बुलाने की जिद पर अड़े
सोमवार सुबह जितेंद्र का शव गांव लाए जाने पर ग्रामीणों में उबाल आ गया। उन्होंने उतरांव थाने की पुलिस पर मामले में शिथिलता बरतने सहित कई आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। अपनी मांग पूरी कराने के लिए डीएम और पुलिस कमिश्नर को बुलाने की जिद पर अड़ गए।डीसीपी गंगानगर कुलदीप गुनावत, एडीएम वित्त, एसीपी समेत अन्य अधिकारियों ने गुस्साई भीड़ को समझाने को प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। शाम को डीएम रविंद्र कुमार व एडिशनल सीपी एन कोलांची ने मौके पर जाकर पीड़ित परिवार तथा ग्रामीणों से बातचीत की। उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया, तब जाकर लोगों को गुस्सा कम हुआ। इसके बाद गम व गुस्से के बीच चाचा-भतीजे का अंतिम संस्कार किया।
पीड़ित परिवार की यह रही मांग--घटना में फरार आरोपितों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो-पीड़ित परिवार को शस्त्र लाइसेंस और सरकारी नौकरी -गांव में सार्वजनिक सड़क का निर्माण कराया जाए-आरोपितों के मकानों को बुलडोजर से ढहाया जाए-पीड़ित परिवारों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद
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