वंदे भारत मेट्रो के लिए प्रयागराज-वाराणसी रेल मार्ग होगा सील, लगभग 1021 करोड़ की लागत से बनेंगे सुरक्षा बाड़
प्रयागराज से वाराणसी की दूरी 120 किलोमीटर है। वंदे भारत से इस दूरी को पूरा करने में अधिकतम 92 मिनट लगेंगे। प्रतिदिन यात्रा करने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन का खाका तैयार किया गया है। कम समय में लोग कार्यालय या जरूरी काम के लिए आ-जा सकेंगे और ट्रैफिक में फंसने की समस्या भी नहीं होगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रयागराज से वाराणसी के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए प्रयागराज-वाराणसी रेल मार्ग सील होगा। रेल पटरियों पर कोई भी बाहरी व्यक्ति, जानवर आदि न आ सके इसके लिए लगभग 1021 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
10 अगस्त को आवंटित किया जाएगा टेंडर
इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 10 अगस्त को टेंडर आवंटित कर दिया जाएगा। अगस्त-सितंबर 2026 तक काम को पूरा करना होगा। रेल पटरियों के दोनों ओर सुरक्षा बाड़ लगेगी। इससे तेज गति से चलती वंदे भारत मेट्रो को दुर्घटनाओं से बचाने, पत्थरबाजी आदि से सुरक्षित रखने व आवागमन को संरक्षित करने में आसानी होगी।
92 मिनट में पहुंचेगे वाराणसी से प्रयागराज
प्रयागराज से वाराणसी की दूरी 120 किलोमीटर है। वंदे भारत से इस दूरी को पूरा करने में अधिकतम 92 मिनट लगेंगे। अभी इस रूट पर 110 की स्पीड की अधिकतम गति से ट्रेनें चलती हैं, वंदे भारत को इस पर 130 की गति से चलाया जाएगा। प्रतिदिन यात्रा करने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन का खाका तैयार किया गया है।यह भी पढ़ें- Prayagraj News: पहली बार यमुना पुल पर 100 की स्पीड से दौड़ी रेलकार, 159 साल में पहली बार हुआ ऐसा
कम समय में शहरों के बीच की दूरी तय करने की तैयारी
कम समय में लोग कार्यालय या जरूरी काम के लिए आ-जा सकेंगे और ट्रैफिक में फंसने की समस्या भी नहीं होगी। यह 100 किमी की दूरी वाले शहर को जोड़ने के लिए चलाई जाएगी। तैयारी है कि एक घंटे से भी कम समय में दो शहरों के बीच की दूरी तय हो जाए।प्रयागराज-लखनऊ रूट पर भी तैयारी शुरू
संगम नगरी से ऊंचाहार और ऊंचाहार से लखनऊ के बीच वंदे भारत मेट्रो चलाने के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सबसे पहले लखनऊ से वाया ऊंचाहार-प्रयागराज तक 200 किमी रूट का दोहरीकरण होगा। इस पर 1599 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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