Solar Expressway: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को प्रदेश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी, 1700 हेक्टेयर में लगेगा प्लांट
प्रदेश में सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित कर रही है। उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा इस परियोजना पर काम किया जा रहा है। पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) माडल के तहत सोलर प्लांट्स लगाए जाएंगे। इसके लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 1700 हेक्टेयर भूमि भी चिह्नित की है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी है। इसे लेकर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने शुक्रवार को छह कालीदास मार्ग स्थित कैम्प कार्यालय में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
इसमें सोलर एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर नौ अगस्त को लखनऊ में सभी स्टेक होल्डर एवं सौर ऊर्जा विशेषज्ञ के साथ सेमिनार करने एवं दस अगस्त को प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के साथ ही प्रगति की समीक्षा बैठक एवं निरीक्षण का निर्णय लिया गया। प्रमुख सचिव अनिल सागर, सचिव अभिषेक प्रकाश, एसीईओ यूपीडा हरि प्रताप शाही आदि उपस्थित रहे।
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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर्यावरण संरक्षण के साथ बिजली भी पैदा करेगा। एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर पर्यावरण संरक्षण के लिए 25 हजार से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। 1700 हेक्टेयर भूमि पर प्रदेश का सबसे लंबा सोलर पार्क विकसित होगा। इससे 450 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होगा।
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इटावा से चित्रकूट तक 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरिजवे और सर्विस रोड के बीच स्थित 1700 हेक्टेयर भूमि पर 15-20 मीटर चौड़ाई में सोलर पार्क विकसित किया जाएगा। इसके लिए कंपनियों को 25 वर्ष के लिए पट्टे पर भूमि आवंटित की जाएगी।
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