यूपी में मोमोज की दुकान पर पड़ा छापा, कमाई जान अधिकारियों के भी उड़े होश; करोड़ों में है टर्नओवर
प्रयागराज के सिविल लाइंस में एक मोमोज की दुकान पर एसजीएसटी विभाग की टीम ने छापा मारा। मोमोज के दुकानदार ने दस महीने में बिना रजिस्ट्रेशन के डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार कर डाला। पंजीकरण न होने से सरकार को भी लाखों का राजस्व नुकसान हुआ। टीम ने छापा मारकर कर चोरी पकड़ी और दुकानदार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सिविल लाइंस में एक मोमोज के दुकानदार ने दस महीने में बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन के डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार कर डाला। पंजीकरण न होने से सरकार को भी लाखों का राजस्व नुकसान हुआ। एसजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) की टीम ने सोमवार को छापा मारकर कर चोरी पकड़ी और दुकानदार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
एसजीएसटी के एडीशनल कमिश्नर मुक्तिनाथ वर्मा के निर्देश पर एडीशनल कमिश्नर ग्रेड टू राजेश सिंह, ज्वॉइंट कमिश्नर शक्ति सिंह, डिप्टी कमिश्नर संजीव कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर राजेंद्र यादव और वाणिज्य कर अधिकारी अरविंद व राजेश कुमार की टीम ने कार्रवाई की।
टैक्स नियमों का पालन नहीं कर रहा था दुकानदार, पांच लाख का जुर्माना
जांच में यह पाया गया कि दुकान ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार कर रही थी, लेकिन कर नियमों का पालन नहीं कर रही थी। ज्वॉइंट कमिश्नर शक्ति प्रताप सिंह ने बताया कि दुकानदार पर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है। ऐसे ही कई अन्य दुकानदारों की भी गोपनीय जांच की जाती है।जीआईएस सर्वे से रुकेगा फर्जीवाड़ा
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़। मनरेगा से कराए जाने वाले कच्चे-पक्के कार्यों वाले स्थलों का ड्रोन से सर्वे होगा। इसके विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक ब्लाकों की एक-एक ग्राम पंचायतों में इसका ट्रायल होगा। सफल होने पर अन्य ग्राम पंचायतों में भी सर्वे शुरू होगा। शासन की इस पहल से विकास कार्यों में होने वाली गड़बड़ी पर रोक लगेगी। जनपद में 17 ब्लॉक हैं। इसके अंतर्गत 1,148 ग्राम पंचायतें हैं। हर साल मनरेगा से करोड़ों रुपये के विकास कार्य ग्राम पंचायतों में कराए जाते हैं। इसमें तमाम गड़बड़ी किए जाने की भी शिकायतें आती रहती हैं।
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में मनमाने कार्य व भुगतान पर रोक लगाने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) का प्रयोग होगा। ग्राम पंचायतों में नाली, नाला, सड़क, तालाब, चेकडैम, नदी, बंधा निर्माण आदि कच्चे-पक्के कार्यों की योजना जीआइएस सर्वे से बनाई जाएगी। इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हर ब्लाकों की एक-एक ग्राम पंचायतों से शुरू की जाएगी।
नई व्यवस्था में कच्चे-पक्के कार्यों के लिए प्रस्तावित स्थलों का लोकेशन के आधार पर ड्रोन सर्वे कराया जाएगा। इससे नए कार्यों में पारदर्शिता आएगी। साथ ही पुराने कार्य जियो टैगिंग से पकड़े जाएंगे। यानी बिना कार्य के भुगतान या पूर्व में कराए गए कार्य दोबारा कराने व प्रस्ताव में दर्शाए जाते हैं तो वह सर्वे से ट्रेस हो जाएंगे। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा। ऐसी स्थिति में जरूरत पड़ने पर जांच करके कार्ययोजना बनाई जाएगी। डीसी मनरेगा अश्वनी सोनकर ने बताया कि कच्चे-पक्के कार्य स्थलों का ड्रेन से सर्वे होगा। शासन में यह कवायद चल रही है।
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