नमामि गंगे के नए वर्टिकल से जुड़ेंगे नदी के नजदीकी रेलवे स्टेशन, इन चार राज्यों से स्टेशनों का होगा चयन; जानिए क्या है उद्देश्य
Namami Gange यात्रियों की राह आसान करने वाला रेलवे अब गंगा की निर्मलता तथा स्वच्छता का जिम्मा भी अपने कंधे पर उठाएगा। गंगा जहां-जहां से गुजरी हैं उनके पास मौजूद रेलवे स्टेशन इस महा अभियान में बड़ी भूमिका निभाएंगे। गंगा के किनारे से पांच किमी के दायरे में मौजूद रेलवे स्टेशनों को नमामि गंगा के नए वर्टिकल से जोड़ा जाएगा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Namami Gange: यात्रियों की राह आसान करने वाला रेलवे अब गंगा की निर्मलता तथा स्वच्छता का जिम्मा भी अपने कंधे पर उठाएगा। गंगा जहां-जहां से गुजरी हैं, उनके पास मौजूद रेलवे स्टेशन इस महा अभियान में बड़ी भूमिका निभाएंगे। गंगा के किनारे से पांच किमी के दायरे में मौजूद रेलवे स्टेशनों को नमामि गंगा के नए वर्टिकल अर्थ गंगा परियोजना से जोड़ा जाएगा।
इसकी शुरुआत प्रयागराज के छिवकी रेलवे स्टेशन कर दी गई है। अब उत्तराखंड से यूपी, बिहार और बंगाल के उन विशेष स्टेशनों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा, जहां यात्रियों की संख्या अधिक है और गंगा से उनकी नजदीकी भी है। स्टेशनों का चयन सभी जोनल रेलवे अपने मंडलों के माध्यम से कराएंगे। इस पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार होगी। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को जागरूक करने के लिए वर्ष भर विविध आयोजन होंगे।
गंगा क्षेत्र में पर्यटन व सांस्कृति को बढ़ाने के लिए होंगे अहम कार्य
गंगा क्षेत्र में प्राकृतिक वातावरण, पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने जैसे अहम कार्य भी होंगे। अभी नमामि गंगा के चार वर्टिकल यथा निर्मल गंगा, अविरल गंगा, जन गंगा और ज्ञान गंगा ही शामिल था। अब पांचवें वर्टिकल के रूप में अर्थ गंगा परियोजना को जोड़ा गया। इसके लिए जलशक्ति मंत्रालय के साथ रेलवे ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।नदी पुनर्जीवन के अनुरूप आर्थिक माध्यम से लोगों और गंगा से जोड़ने की यह जिम्मेदारी रेलवे को जल शक्ति मंत्रालय ने सौंपी है। एनसीआर के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि प्रयागराज से इसकी शुरुआत हो गई है। आगे अन्य रेलवे स्टेशन भी चरणबद्ध तरीके से इससे जुड़ेंगे।
क्या है अर्थ गंगा?
अर्थ गंगा परियोजना 2014 में शुरू किए गए नमामि गंगा का ही हिस्सा है। अर्थ-गंगा में छह स्तंभ तय हुए हैं। जिसमें गंगा नदी के दोनों ओर पांच किलोमीटर के क्षेत्र में प्राकृतिक वातावरण को बढ़ावा देना, एसटीपी से उपचारित पानी और कीचड़ का मुद्रीकरण और पुन: उपयोग, विशेषकर महिलाओं के लिए आजीविका के अवसरों में सुधार, पर्यटन व सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना, जन भागीदारी, क्षमताओं तथा संस्थानों का निर्माण इत्यादि शामिल हैं।रेलवे स्टेशन के जरिए रेलवे अब गंगा नदी से संबंधित आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतत विकास माडल विकसित करेगा। अर्थ गंगा परियोजना को नदी के संरक्षण के लिए एक आर्थिक माडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
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