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Meteor Shower 2024: धरती पर होगी उल्कापिंडों की बारिश, आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा

Meteor Shower 2024 नासा की मानें तो सबसे पहले उल्कापिंड की बारिश 1862 में देखी गई थी। जब प्रति घंटे एक दर्जन उल्कापिंडों को गिरते देखा गया था। माना जाता है कि उल्का का पर्सेइड नाम पर्सियस तारामंडल से लिया गया है। प्रत्येक वर्ष अगस्त में पर्सीड उल्कापात चरम पर होता है। इसे सर्वोत्तम उल्का वर्षा में से एक माना जाता है।

By Amlendu Tripathi Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 11 Aug 2024 02:02 PM (IST)
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प्रति घंटे लगभग 100 उल्काओं की बारिश होगी। सांकेतिक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। खगोल की घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए यह महीना खास है। इसमें पर्सीड उल्कापात देखने को मिलेगा। इसकी शुरुआत सोमवार रात से हो रही है। मध्य रात्रि यह घटना देखी जा सकेगी लेकिन इसके लिए आसमान साफ होना चाहिए। प्रति घंटे लगभग 100 उल्काओं की बारिश होगी। 14 अगस्त तक यह क्रम बना रहेगा।

माना जाता है कि उल्का का पर्सेइड नाम पर्सियस तारामंडल से लिया गया है। प्रत्येक वर्ष अगस्त में पर्सीड उल्कापात चरम पर होता है। इसे सर्वोत्तम उल्का वर्षा में से एक माना जाता है। पर्सिड्स आमतौर पर तेज और चमकीले होते हैं। आकाश से गुज़रते समय अपने पीछे प्रकाश और रंग का निशान छोड़ते हैं।

जवाहर तारामंडल के निदेशक डा. वाई रविकिरण कहते हैं कि पर्सिड्स अपने आग के गोले या रंग और प्रकाश के बड़े विस्फोटों के लिए लोकप्रिय हैं जो सामान्य उल्का धारियों से अधिक लंबे होते हैं। वास्तव में यह स्विफ्ट टटल नामक धूमकेतु का मलबा है।

133 साल में सूर्य का एक चक्कर लगाने वाले इस धूमकेतु की कक्षा में पृथ्वी के पहुंचते ही यह मलबा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण खिंचा चला आता है। वायुमंडल में प्रवेश करते ही घर्षण के कारण धधक उठता है। चंद्रमा करीब रात 11:20 बजे अस्त होगा। उसके बाद आसमान में अधिक अंधेरा हो जाएगा तो उल्का बारिश को देखना आसान बना देगा।

14 को मंगल और बृहस्पति एक दूसरे के निकट

तारों को निहारने वालों के लिए एक और घटना 14 अगस्त को होगी। मंगल और बृहस्पति ग्रह एक दूसरे के निकट नजर आएंगे। जवाहर तारामंडल की विज्ञानी शुरूर फातिमा ने बताया कि 21 अगस्त को चंद्रमा और शनि करीब देखे जाएंगे। 27 अगस्त को चंद्रमा बृहस्पति ग्रह के निकट पहुंचेगा।

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28 को चंद्रमा मंगल के पास नजर आएगा। आकाश में इन दिनों सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर और कुंभ राशियां (तारों का समूह) देखी जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त हस्त, नरतुरंग, भूतप, उत्तर मुकुट, शौरी, भुजंगधारी, हंस, स्वरमंडल, गरुड़ और महाश्व जैसे चमकीले तारे भी देखे जा सकते हैं। चित्रा, ज्येष्ठा, स्वाति, अभिजीत, श्रवण, डेनेब, मिनास्य और अलनैयर तारे भी हैं।

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सिंह राशि में जा रहा सूर्य

जवाहर तारामंडल की विज्ञानी शुरूर फातिमा ने बताया कि 11 अगस्त से सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर रहा है। इससे पूर्व कर्क राशि में था। बुध अभी सिंह राशि में है जो शाम 6:30 बजे अस्त हो रहा है। इसे अभी देखना संभव नहीं है। शुक्र सिंह राशि में है। यह भी शाम 7:30 बजे अस्त हो रहा है। मंगल वृषभ राशि में है जो रात 12:30 बजे उदय हो रहा है। बृहस्पति वृषभ राशि में है यह भी प्रतिदिन रात 12:00 बजे उदय हो रहा है। शनि कुंभ राशि में है यह शाम सात बजे उदय हो रहा है।