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UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, यूपी के इस गांव की जमीन किसानों के नाम दर्ज करने का आदेश

Allahabad High Court इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर के सालारपुर गांव की भूमि पर राजस्व रिकार्ड में नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) का नाम हटाने का निर्देश दिया है। इस गांव की भूमि का अधिग्रहण सुप्रीम कोर्ट ने गैर कानूनी बताते हुए रद्द कर दिया था फिर भी प्राधिकरण का नाम अभिलेख में दर्ज चला आ रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 05 Oct 2023 09:31 AM (IST)
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, यूपी के इस गांव की जमीन किसानों के नाम दर्ज करने का आदेश

विधि संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर के सालारपुर गांव की भूमि पर राजस्व रिकार्ड में नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) का नाम हटाने का निर्देश दिया है। इस गांव की भूमि का अधिग्रहण सुप्रीम कोर्ट ने गैर कानूनी बताते हुए रद्द कर दिया था, फिर भी प्राधिकरण का नाम अभिलेख में दर्ज चला आ रहा है।

कोर्ट ने कहा अथारिटी का नाम, जमीन के रिकार्ड से हटाकर किसानों का नाम दर्ज किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश ने राजेंद्र सिंह व अन्य की याचिका स्वीकार करते हुए दिया है।

किसानों ने की थी मांग

किसानों ने हाई कोर्ट को बताया कि नोएडा और जिला प्रशासन आदेश पर अमल नहीं कर रहे हैं। अधिवक्ता पंकज दुबे के अनुसार, अधिग्रहण रद्द होने के बाद किसानों ने गौतमबुद्ध नगर के अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) को प्रार्थना पत्र देकर राजस्व रिकार्ड से नोएडा अथारिटी का नाम हटाने की मांग की।

अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) ने गत चार मार्च 2023 के आदेश से नोएडा के स्थान पर किसानों का नाम दर्ज करने की अर्जी को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने अपने आदेश में लिखा कि याची सुप्रीम कोर्ट में दाखिल सिविल अपील में पक्षकार नहीं थे इसलिए लाभ के हकदार नहीं होंगे।

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याचियों की उक्त भूमि का अधिग्रहण भूमि अधिग्रहण अधिनियम-1894 की धारा 17(1)(4) के तहत किया गया था। किसानों ने 11 सितंबर 2008 और 30 सितंबर 2009 की भूमि अधिग्रहण की अधिसूचनाओं को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

हाई कोर्ट ने 24 सितंबर 2010 को किसानों की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद किसानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितंबर 2008 और 30 सितंबर 2009 की अधिसूचनाओं को रद कर दिया।

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सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि राज्य सरकार प्रक्रिया का पालन करते हुए दोबारा भूमि अधिग्रहण करने के लिए स्वतंत्र होगी। हाई कोर्ट ने गौतम बुद्ध नगर प्रशासन को चार सप्ताह के अंदर आदेश पर अमल करने का निर्देश दिया है। यह भी कहा कि नोएडा और जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण करने के लिए स्वतंत्र हैं। उनके पास कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया अपनाने का विकल्प रहेगा।

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