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Prayagraj Flood: प्रयागराज में गंगा-यमुना में फिर उफान, बड़े हनुमान जी का पुन: महास्नान

गंगा-यमुना में बाढ़ से प्रयागराज के लेटे हनुमान जी ने फिर से महास्नान किया है। मंदिर में गंगा जल के प्रवेश से भक्तों में हर्ष व्याप्त है। महंत बलवीर गिरि ने विधि-विधान से पूजन किया। इससे पहले 7 अगस्त को भी गंगा मइया ने हनुमान जी को स्नान कराया था। अब 33 दिन बाद पुन लेटे हनुमान जी को नहलाने पतित पावनी ने मंदिर में प्रवेश किया है।

By amarish kumar Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 14 Sep 2024 11:24 AM (IST)
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बजरंग बली के स्नान के साथ विधि विधान से पूजा-आरती करते मंदिर के महंत बलवीर गिरि। सौ. मंदिर प्रशासन
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। गंगा-यमुना में अचानक उफान आने से तीर्थराज प्रयाग के कोतवाल लेटे हनुमान जी ने पुन: महास्नान कर लिया है। शुक्रवार की रात लगभग साढ़े 10 बजे मां गंगा की पावन धारा ने पुन: मंदिर में प्रवेश किया। गंगा मइया की जय....., पवनसुत हनुमान की जय.... के साथ बजरंगी के आराध्य भगवान राम के उद्घोष से मंदिर का कोना कोना आध्यात्मिक हिलोर में डूब गया। मंदिर के महंत बलवीर गिरि ने अभिषेक करके विधि-विधान से पूजन किया।

इससे पहले सात अगस्त को भी मां गंगा ने हनुमान जी को स्नान कराया था और स्नान के बाद 12 अगस्त को गंगा वापस लौट गई थी। अब ठीक 33 वें दिन पुन: लेटे हनुमान जी को नहलाने पतित पावनी ने मंदिर में प्रवेश किया। सीढ़ियों से गंगाजल उतरता देख पूरे मंदिर परिसर में जयकारे गूंजने लगे।

शंख ध्वनि, घंटा-घड़ियाल की गूंज के बीच गगनभेदी जयकारे से पूरा परिसर झूम उठा। इस विशेष क्षण को लोग अपने मोबाइल कैमरे में करते रहे तो साधु संत आध्यात्म के रंग में भाव विभोर हो गए। बहुत कम ही ऐसे संयोग बनते हैं जब मां गंगा दो-दो बार हनुमान जी को चंद दिनों के अंतराल पर स्नान कराएं।

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मंदिर के महंत बलवीर गिरी ने बड़े हनुमान जी की प्रतिमा को लाल वस्त्र से ढक कर कर मां गंगा का गोदुग्ध, पंचामृत, जड़ी-बूटियों के जल से अभिषेक कराया। महाआरती के बाद हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन के लिए बंद कर दिया गया। अब मां गंगा का जल जब तक मंदिर के अंदर रहेगा हनुमान जी की प्रतिकृति का पूजन मंदिर के ऊपरी कक्ष में होगा।

कब कब पवनसुत ने किया महास्नान

  • 18 अगस्त 2022 रात लगभग साढ़े 11 बजे
  • 7 अगस्त 2024 सुबह 6.40 बजे
  • 13 अगस्त 2024 रात साढ़े 10 बजे

कछारी इलाके में बस्तियों तक पहुंचा पानी, चेतावनी जारी

गंगा-यमुना में अचानक उफान आ गया है। मात्र 36 घंटे में यमुना का जल स्तर सवा तीन मीटर बढ़ गया है। इससे तराई इलाके डूब गए हैं। सतर्कता के चलते बक्शी बांध, मोरी का स्लूज गेट बंद कर दिया गया है। दूसरी ओर गंगा में जल वृद्धि की गति धीमी है लेकिन निरंतरता बनी हुई है।

नैनी में यमुना का जल स्तर शुक्रवार की रात आठ बजे 81.28 दर्ज किया गया। यहां खतरे का निशान 84.73 मीटर है। अगर यमुना इसी गति से बढ़ती रही तो अगले दो-तीन दिनों में वह खतरे के निशान को छू सकती हैं। बाढ़ जैसे हालात फिर से उत्पन्न होते दिख रहे हैं। जिला प्रशासन ने तराई इलाके में अलर्ट जारी किया है। बाढ़ चौकियों को पुन: सक्रिय रहने और राजस्व टीमों को कछारी इलाके में दौरा करने का निर्देश दिया है।

आशंका व्यक्त की गई है जलवृद्धि की गति धीमी न हुई तो गंगा फिर से लेटे हनुमान जी मंदिर तक पहुंच जाएंगी। वहीं, शुक्रवार की शाम बक्शी बांध और देर रात मोरी का स्लूज गेट बंद कर दिया गया। सिंचाई विभाग का कहना है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दोनों स्लूज गेट बंद किए गए हैं। जब तक जलस्तर में कमी नहीं आएगी यह दोनों गेट बंद रहेंगे।

जल निकासी प्रभावित न हो इसके लिए पंपिंग स्टेशनों का परीक्षण हो गया है। वहीं, दूसरी ओर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम के साथ पीएसी की एक कंपनी को बुलाया गया है। जल पुलिस व नावें भी देर रात सक्रिय कर दी गई हैं। जिला प्रशासन ने शनिवार को बाढ़ राहत शिविरों को पुन: व्यवस्थित करने का निर्देश जारी कर दिया है। राशन किट भी तैयार की जाएगी।

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आज भी बढ़ा जल स्तर तो घरों में घुसेगा पानी

दोनों नदियों के बाढ़ के पानी से तटीय क्षेत्र घिर गया है। फाफामऊ में वापस लौट चुका पानी फिर से आबादी की ओर आ गया है। शहर के 36 मोहल्ले और जिले के 118 गांवों में बाढ़ के पानी का खतरा सबसे अधिक हैं। अगर बाढ़ का पानी 83 मीटर पार हुआ तो यहां घरों में पानी घुसने लगेगा। पहाड़ व अन्य राज्यों में बारिश के चलते यमुना की सहायक नदी केन, बेतवा, चंबल के बेसिन में पानी बढ़ रहा है। यही पानी लगातार प्रयागराज आ रहा है। छतनाग की ओर दबाव बढ़ने से गंगा का जल स्तर भी यहां अधिक गति से बढ़ रहा है।

जल स्तर

गंगा (फाफामऊ) - 79-97 मीटर

यमुना (नैनी) - 81.28 मीटर

गंगा-यमुना (छतनाग) - 80.07 मीटर

चेतावनी स्तर- 83.73 मीटर

खतरे का निशान - 84.73 मीटर

इन इलाकों में चेतावनी जारी

शहर के नेवादा, राजापुर, गंगा नगर, द्रौपदी घाट, बेली, म्योराबाद, मेंहदौरी, शंकरघाट, चांदपुर, सलोरी, कैलाशपुरी, ढरहरिया, छोटा बघाड़ा, गोविंदपुर, बड़ा बघाड़ा, शिवकुटी, चिल्ला, सादियाबाद, दारागंज, ककरहा घाट, सदियापुर, बक्शी मोढ़ा, करैलाबाग, दारागंज, छोटा बघाड़ा, नेवादा, गंगा नगर, महेवा, बसवार, देवरथ, नींबी, छतनाग, मलावां, इसीपुर, बहादुरपुर कछार, लपेटुआ, बदरा, सोनौटी, ढेालवजवा, इब्राहिमपुर,मुंशी का पूरा आदि इलाके में लोगों सतर्क रहने को कहा गया है। गंगा और यमुना के किनारे बसे लगभग 100 गांव में भी चेतावनी जारी की गई है।

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