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Flood in Prayagraj: संगम नगरी में सड़कें-गलियां डूबीं, घरों में घुसा पानी; तस्‍वीरों में देखें पूरी स्‍थ‍िति

आपदा कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित आपदा कंट्रोल रूम तीन पालियों में 24 घंटे संचालित कर दिया गया है। बाढ़ से संबंधित कोई भी शिकायत टेलीफोन नंबर-0532-2641578 व 0532-2641577 पर की जा सकती है। बांधों बैराजों और नदियों से लगभग आठ लाख क्यूसेक पानी मंगलवार और बुधवार को 24 घंटे में यहां पहुंचने से निचले इलाकों में हलचल बढ़ गई।

By GYANENDRA SINGH1 Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 09 Aug 2024 02:28 PM (IST)
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संगम क्षेत्र की ड्रोन कैमरा से ली गई गयी तस्वीर में चहुंओर पानी ही पानी नजर आया। मुकेश कनौजिया

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। यमुना के बाद गंगा में बाढ़ के चलते निचले इलाकों में हालात गंभीर होने लगे हैं। निचले इलाकों में स्थित कई मोहल्लों की दर्जनों गलियां और गांवों में हजारों बीघा फसल जलमग्न हो चुकी है। सड़कें भी डूब गई हैं।

दारागंज में बक्शी बांध और बघाड़ा के कई घरों में पानी घुस गया है। संगम का दृश्य सागर जैसा दिखाई देने लगा है। इसके चलते जिला प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर रखा है।

चार दिनों तक यमुना में तेजी बरकरार रही जबकि गंगा का जल स्तर बुधवार से तेजी से बढ़ने लगा था। बुधवार से गुरुवार सुबह तक गंगा का जल स्तर लगभग एक मीटर बढ़ गया था। यमुना में भी गुुरुवार सुबह तक पानी बढ़ रहा था।

दोनों नदियों में बाढ़ के चलते निचले इलाकों की स्थिति असामान्य होने लगी है। कई मोहल्लों तथा गांवों में लोगों की परेशानी बढ़ गई है। यमुना में बाढ़ के चलते बुधवार सुबह बड़े हनुमानजी का महास्नान भी हो चुका है। बाढ़ के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से सभी 88 बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए आधा दर्जन से ज्यादा राहत शिविर भी तैयार करा दिए गए।

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बघाड़ा क्षेत्र में एनी बेसेंट इंटर कालेज तथा राजापुर में ऋषिकुल स्कूल में बाढ़ राहत शिविर पूरी तरह से तैयार करा दिया गया है। बताते हैं कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और बुंदेलखंड में अच्छी बारिश होने से केन, बेतवा और चंबल तथा आधा दर्जन से ज्यादा छोटी नदियों का पानी यमुना में आ गया।

इसके अलावा माताटीला, बरियारपुर बांध से भी पानी छोड़ दिया गया। बांधों, बैराजों और नदियों से लगभग आठ लाख क्यूसेक पानी मंगलवार और बुधवार को 24 घंटे में यहां पहुंचने से निचले इलाकों में हलचल बढ़ गई। बुधवार से गुुरुवार सुबह तक 24 घंटे में यमुना का जल स्तर लगभग आधा मीटर बढ़ गया।

यमुना के साथ ही गंगा में भी तेजी आ गई है। गुरुवार शाम बाद बघाड़ा, सलोरी, मऊ कछार, गंगानगर व नेवादा में नदी किनारे कई घरों में पानी घुस गया। यहां की कई गलियां भी जलमग्न हैं। दारागंज में नागवासुकि मंदिर के नीचे की सड़क डूबने से यहां के दो दर्जन घरों में पानी घुस गया है।

बघाड़ा, चिल्ला, झूंसी, नैनी क्षेत्र तथा दरियाबाद, सदियापुर की भी कई सड़कें डूब गईं। जिला प्रशासन ने बाढ़ के मुहाने पर पहुंचे मोहल्लों और गांवों में अलर्ट घोषित करते हुए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ के मद्देनजर एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह, एसडीएम अभिषेक कुमार सिंह ने गुरुवार को कई इलाकों का दौरा किया।

एसडीएम ने दारागंज में बक्शी बांध के पास स्थित मोहल्ले के उन घरों के लोगों से मिले, जिनमें पानी घुस गया है। बताया कि इन घरों के पीछे के दरवाजे से पानी घुसा है जबकि फ्रंट के दरवाजे से आना-जाना हो रहा है। एडीएम वित्त ने बताया कि बाढ़ को लेकर निचले इलाके में सतर्कता बरती जा रही है।

जिले के 45 घाटों पर स्नान व टहलने-घूमने पर प्रतिबंध

बाढ़ के मद्देनजर शहर व ग्रामीण इलाकों के 45 घाटों पर स्नान के साथ ही घूमने-टहलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एडीएम वित्त ने बताया कि बाढ़ का नजारा देखने वाले मोबाइल से सेल्फी और रील के चक्कर में सावधानी नहीं बरतते हैं, ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है।

इसी तरह स्नान के दौरान भी लोग लापरवाही बरतने लगते है जिससे दुर्घटना घट सकती है। इसीलिए स्नान घाटों को बंद करा दिया गया है। यहां सिविल डिफेंस के स्वयं सेवकों को जागरूक तथा टोकने के लिए तथा पुलिस के साथ नगर निगम के कर्मचारियों की भी तैनाती करा दी गई है। शास्त्री ब्रिज, फाफामऊ पुल तथा यमुना के नए व पुराने पुलों पर भी एहतियातन पुलिस तैनात करा दी गई है।

बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की नजर

बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की भी पैनी नजर है। आनलाइन डाटा मांगी जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से हर घंटे राइजिंग ट्रेंड तथा प्रभावित इलाकों के बारे में सूचनाएं भेजी जा रही हैं। बाढ़ को लेकर जिले में की गई तैयारी की भी रिपोर्ट गुरुवार को भेज दी गई।

खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे है जल स्तर

गंगा का जल स्तर गुरुवार रात भी बढ़ रहा था। गुरुवार रात गंगा का जल स्तर 81.90 मीटर रहा। गंगा का जल स्तर बुधवार रात 79.28 मीटर पर ही था। मतलब 24 घंटे में दो मीटर से ज्यादा जल स्तर बढ़ गया। गंगा जल स्तर गुरुवार रात प्रति मिनट तीन सेमी बढ़ रहा था।

खतरे का निशान 84.73 मीटर पर है जबकि चेतावनी बिंदु एक मीटर नीचे है। यमुना का जल स्तर धीरे-धीरे कम होने लगा। यमुना का जल स्तर गुरुवार दोपहर जहां 82 मीटर के ऊपर पहुंच गया था, वहां शाम को लगभग एक सेमी प्रति घंटा से यमुना का पानी घटने लगा।

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी की टीमें आज करेंगी पेट्रोलिंग

बाढ़ को लेकर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टीम लगाई गई है। पीएसी की बाढ़ राहत की दो कंपनी तथा जल पुलिस लगी है। शुक्रवार को ये टीमें पेट्रोलिंग करेंगी। नागवासुकि मंदिर के पास से बघाड़ा, सलोरी, सादियाबाद, तेलियगंज, शंकरघाट, म्योराबाद, बेली, मेंहदौरी, राजापुर, गंगापुर, नेवादा होते नीवां तक 10 मोटर बोट से पेट्रोलिंग होगी।

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इसी तरह सरस्वती घाट से गऊघाट, बलुआघाट, ककहरा घाट, बरगद घाट, सदियापुर, दरियाबाद से करैलाबाग तक पेट्रोलिंग होगी। इसी तरह फाफामऊ से झूंसी होते हुए छतनाग तक मोटर बोट से पेट्रोलिंग कराकर बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षा का अहसास दिलाया जाएगा। इस दौरान उन्हें बचाव के लिए जागरूक भी किया जाएगा।

खास बातें

  • 07 लाख क्यूसेक पानी नरौरा, हरिद्वार, टिहरी, कानपुर से छोड़ा जा रहा गंगा में
  • 07 बाढ़ राहत शिविर बघाड़ा और राजापुर क्षेत्र में करा दिए गए हैं तैयार
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