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RRC की ग्रुप डी भर्ती 2012 में कम अंक पर मिली नौकरी, अधिक वाले बाहर; पढ़ें- पूरा मामला

आरआरसी की ग्रुप डी भर्ती 2012 में बड़ा खुलासा हुआ है। भर्ती में अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। जबकि कम अंक वालों को नौकरी मिली है। मामले का राजफाश सूचना का अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी के आधार पर हुआ है। 1965 पदों की भर्ती में 1912 रैंक वाले अभ्यर्थी को बाहर कर दिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 27 Aug 2023 09:26 AM (IST)
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आरआरसी की ग्रुप डी भर्ती में कम अंक पर नौकरी, अधिक वाले बाहर। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ (आरआरसी) की ग्रुप डी भर्ती 2019 को लेकर चल रहे विवाद के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। 2012 में हुई ग्रुप डी भर्ती में अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। जबकि कम अंक वालों को नौकरी मिली है। सूचना का अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी के आधार पर राजफाश हुआ है।

यह है मामला

ग्रुप डी के 1965 पदों की भर्ती में अभ्यर्थी हरिश्चंद्र ने लिखित परीक्षा के बाद परिणाम में 70.62 अंक प्राप्त किए और उनकी रैंक 1912 थी। बीते दिनों जब ग्रुप डी भर्ती 2019 को लेकर विवाद बढ़ने लगा तो उन्होंने छह जून को आरटीआइ के तहत अपने परिणाम को लेकर पूर्ण स्थिति जाननी चाही। 23 अगस्त को आरआरसी मुख्यालय से सूचना उपलब्ध कराई गई। बताया गया कि परीक्षा में अब कोई कार्रवाई शेष नहीं है। उनकी ओवरआल रैंक 1912 है। 1965 पदों की भर्ती में

1912 रैंक होने के बावजूद भी नौकरी न मिलने पर परेशान हरिश्चंद्र ने डीआरएम प्रयागराज को प्रार्थना पत्र सौंप कर जांच की मांग की है। हरिश्चंद्र का कहना है कि इस पूरी भर्ती की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए। मेरे साथ पक्षपात और दुर्व्यवहार हुआ है। 2012 में 1965 पदों पर ग्रुप डी भर्ती शुरू हुई। आठ दिसंबर 2013 को पहली पाली की लिखित परीक्षा में हरिश्चंद्र शामिल हुआ।

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पास होने के बाद चार मार्च 2014 को शारीरिक दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बार उसका न मेडिकल हुआ न अभिलेखीय सत्यापन। आरआरसी के प्रवक्ता और उत्तर मध्य रेलवे के सीनियर पीआरओ डा अमित मालवीय का कहना है कि यदि प्रत्यावेदन दिया गया है तो गंभीरतापूर्वक उसका अवलोकन किया जाएगा और नियमानुसार उस पर आगे कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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