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MahaKumbh: अखाड़ों के संतों में सुलह, वापस लिया शिकायती पत्र; आगे बैठने को लेकर जमकर हुई थी मारपीट

प्रयागराज कुंभ मेले में अखाड़ों के संतों के बीच हुई मारपीट की घटना के बाद सुलह हो गई है। दोनों पक्षों ने अपने शिकायती पत्र वापस ले लिए हैं। अब किसी प्रकार का विवाद नहीं है। अखाड़ों में चल रही तकरार काफी हद तक खत्म होती नजर आ रही है। संतों के इस फैसले से कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने राहत की सांस ली है।

By Sharad Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 09 Nov 2024 10:44 AM (IST)
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अखाड़ों के संतों में मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मारपीट की घटना के बाद अखाड़ों के संतों में सुलह हो गई है। दोनों पक्ष ने अपना शिकायती पत्र वापस ले लिया है। महाकुंभ मेला के सकुशल संपन्न होने में हर स्तर पर सहयोग करने का भरोसा दिया है। इसके साथ अखाड़ों में चल रही तकरार काफी हद तक खत्म होती नजर आ रही है। संतों के शिकायती पत्र वापस लेने से अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।

महाकुंभ में शिविर लगाने के लिए गुरुवार को 13 अखाड़ों के संतों को प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय बुलाया गया था। वहां जूना, निरंजनी, अग्नि, आह्वान, आनंद, नया अखाड़ा, बड़ा अखाड़ा अखाड़ा के संत पहले से पहुंचकर कुर्सी में बैठ गए। श्री महानिर्वाणी, अटल, निर्मल, निर्मोही अनी, निर्वाणी अनी व दिगंबर अनी अखाड़ा के संत बाद में पहुंचे।

आगे की कुर्सी पर बैठने को लेकर संतों में कहासुनी होने लगी। फिर अपशब्द शुरू हो गया। थोड़ी देर में मारपीट होने लगी। इसी बीच कुछ संतों ने निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास को पीट दिया। इसके बाद निर्वाणी अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत मुरली दास ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी, जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि, सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि के खिलाफ कुंभ मेलाधिकारी व पुलिस को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की।

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वहीं, श्रीमहंत रवींद्र पुरी व श्रीमहंत प्रेम गिरि ने श्रीमहंत राजेंद्र दास के खिलाफ शिकायती पत्र दिय। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद से वार्ता होने के बाद शुक्रवार को दोनों पक्ष ने अपना शिकायती पत्र वापस ले लिया।

महंत हरि गिरि का कहना है कि महाकुंभ पर दुनियाभर की नजर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसे लेकर समर्पित भाव से काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य महाकुंभ को सकुशल संपन्न कराना है। कुंभ मेलाधिकारी के प्रयास से विवाद का अंत हो गया है।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी व श्रीमहंत प्रेम गिरि का कहना है कि अखाड़ों में कोई विवाद नहीं था। थोड़ी कहासुनी हुई थी। अब सब खत्म हो गया है। हमने अपना शिकायती पत्र वापस ले लिया है। श्रीमहंत राजेंद्र दास ने कहा कि मेलाधिकारी के सामने विवाद का पटाक्षेप हो गया है। हम मिलकर महाकुंभ को भव्य कराएंगे।

मोबाइल नेटवर्क के लिए लगेंगे 80 टावर

महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों के आगमन को देखते हुए कुशल संचार, सुरक्षा, सुगम यातायात प्रबंधन और भीड़ प्रबंधन के लिए एक मजबूत टेलीकाम नेटवर्क की स्थापना की जा रही है। जनपद में करोड़ों लोगों के एक साथ सीमित क्षेत्र में समागम होने पर नेटवर्क ट्रैफिक लोड बढ़ने से कालड्राप व टाइमआउट, अत्यधिक बैंडविड्थ खपत व कंजेशन, ब्राडकास्ट स्टार्म, मल्टीकास्टिंग, धीमी नेटवर्क स्पीड, नेटवर्क कंजेशन जैसी समस्याओं से बचने एवं नेटवर्क की उच्च गुणवत्तायुक्त सेवा देने को सुदृढ़ बुनियादी ढांचा स्थापित हो रहा है।

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श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों को केंद्र और राज्य सरकार, प्रयागराज जिला प्रशासन, प्रयागराज मेला प्राधिकरण, दूरसंचार विभाग के सहयोग से अपेक्षित नेटवर्क ट्रैफिक लोड एवं संभावित अवरोधों का व्यापक विश्लेषण किया गया है, जिससे भीड़ का कुशल प्रबंधन हो सके। नेटवर्क कवरेज और क्षमता बढ़ाने के लिए कुल लगभग 1100 टावर लगाए जा रहे हैं।

इसमें 100 से अधिक ग्राउंड-बेस्ड मास्ट्स (जीबीएमएस) और सेल-आन-व्हील्स (सीओडब्ल्यू) टावर सरकारी इमारतों और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किए जा रहे हैं। मेला क्षेत्र के बाहर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए बस स्टैंड, पार्किंग स्थल, सार्वजनिक आवास पर भी टावर लगाए जा रहे हैं। लगभग 160 किमी भूमिगत आप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाई जा रही है जिससे मोबाइल टावरों की बैकहाल क्षमता सुदृढ़ हो सके।

संगम जैसे उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से 80 सीओडब्ल्यू टावर और छोटे सेल्स स्थापित किए जा रहे हैं। मेला क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में विश्वसनीय सेवा देने के लिए 150 छोटे सेल्स और डिस्ट्रीब्यूटेड एंटीना सिस्टम (डीएएस) का उपयोग किया जाएगा। मेला स्थित क्षेत्रीय कार्यालयों में इंटरनेट के साथ वाई-फाई सुविधा देने के लिए उच्च गति वाले लीज़ लाइन नेटवर्क की स्थापना हो रही है।

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