Move to Jagran APP

श्रवण नक्षत्र में भोले के पावन मास Sawan का 'श्रीगणेश', शिवालयों में लगा भक्तों का तांता; जानें क्या करें क्या नहीं

Sawan 2024 भगवान शिव को समर्पित श्रावण का यह पवित्र महीना इस बार 22 जुलाई य 2024 यानी आज से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा। देवाधिदेव महादेव शिव को रिझाने के लिए सनातन धर्मावलंबी अनुष्ठान में लीन हो गए हैं। गंगा व संगम के पवित्र जल में भोर से डुबकी लगने लगी। इस सावन अगर आप भी व्रत करने जा रहे हैं तो इन बातों का खास ख्याल रखें।

By Riya Pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 22 Jul 2024 06:30 AM (IST)
Hero Image
शिव के पावन माह सावन की हो गई शुरुआत

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Sawan 2024: त्याग व समर्पित भाव से भगवान शिव की साधना का मास सावन सोमवार से आरंभ हो गया है। देवाधिदेव महादेव शिव को रिझाने के लिए सनातन धर्मावलंबी अनुष्ठान में लीन हो गए हैं। गंगा व संगम के पवित्र जल में भोर से डुबकी लगने लगी।

दूर-दराज से आए शिवभक्त कांवरिया गंगा के दशाश्वमेध घाट पर स्नान करके कांवर में जल भरकर ''हर-हर बम-बम...'' का उद्घोष करते हुए काशी में बाबा विश्वनाथ व बाबा बैजनाथ को जलाभिषेक करने पैदल रवाना हो रहे हैं। कुछ कांवरिया दशाश्वमेध महादेव, श्री मनकामेश्वर महादेव सहित अन्य शिवालयों में जलाभिषेक कर रहे हैं।

सावन के शुभारंभ पर सोमवार का दिन होने के साथ श्रवण नक्षत्र, प्रीति योग वृष राशि में मंगल व गुरु, कर्क राशि में सूर्य व शुक्र का संचरण होने का दुर्लभ संयोग बना है।

श्रद्धालुओं की लगी लंबी कतारें

सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, महाभिषेक कराने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। श्री मनकामेश्वर महादेव, ऋणमुक्तेश्वर महादेव, गंगोली शिवालय, शिव कोटि, दशाश्वमेध महादेव, पंचमुखी, भोले गिरि, तक्षकतीर्थ बड़ा शिवाला सहित हर शिवाय में जलाभिषेक करने के लिए लंबी कतार लगी है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महिला-पुरुष की अलग-अलग लाइन लगाई गई है।

यम-नियम से करें भगवान शिव का व्रत-पूजन

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार भगवान शिव की स्तुति में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। सोमवार अथवा प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान, पूजन करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। शिवलिंग में जलाभिषेक करते हुए उन्हें दूध, दही, शहद, शक्कर, घी अर्पित करें। फिर चंदन, सफेद फूल, धतूरा, भस्म, बेलपत्र, मदार, भांग अर्पित करना चाहिए।

व्रत न रखने वालों को भी सुबह-शाम ''ऊं नम: शिवाय'' का 108 बार जप करना चाहिए। वहीं, व्रत रखने वाले साधक को हर समय मन में ''ऊं नम: शिवाय'' का उच्चारण करना चाहिए। इससे आंतरिक शक्ति की अनुभूति होगी।

सावन के महीने में यह न करें

  • असत्य न बोलें, किसी के ऊपर झूठे आरोप न लगाएं।
  • किसी व्यक्ति से मारपीट करके कष्ट न दें।
  • चोरी न करें, न ऐसा करने वालों का साथ दें।
  • गरीबों व असहायों का हृदय न दुखाएं।
  • मांस, धूमपान व शराब का सेवन न करें।

सावन में यह करें

  • प्रतिदिन किसी न किसी शिवालय में जलाभिषेक करें।
  • व्रत नहीं हैं तब भी मन में ऊं नम: शिवाय का जप करते रहें।
  • शुद्ध व सात्विक भोजन करें।
  • गरीबों की मदद करें।
  • हर परिस्थिति में सत्य बोलें।
  • जरूरतमंदों को अन्न, फल, वस्त्र और धन का दान करें।

यह भी पढ़ें- Sawan 2024: आज से वाराणसी का 28, गोरखपुर का किराया 12 रुपये बढ़ा, रूट डायवर्जन बना वजह

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।