Prayagraj News: फिर बढ़ेगा पीडीए का दायरा, 71 ग्राम सभाएं होंगी शामिल, अवैध प्लाटिंग पर गरजेगा बुलडोजर
बांदा-चित्रकूट मार्ग पर जसरा बारा तथा शंकरगढ़ के आगे तक अवैध रूप से प्लाट बेचे जा रहे हैं। लखनऊ मार्ग पर कौड़िहार नवाबगंज तक तो प्रतापगढ़ मार्ग पर सोरांव के आगे तक जौनपुर मार्ग पर सहसों व फूलपुर तक वाराणसी मार्ग पर सैदाबाद तक प्लाट अवैध रूप से बेचे जा रहे हैं। अब पीडीए के पास ये क्षेत्र आ जाएंगे तो अवैध प्लाटिंग पर बुलडोजर गरजेगा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आगामी कुछ महीनों में पीडीए (प्रयागराज विकास प्राधिकरण) का दायरा बढ़ जाएगा। लगभग 71 और ग्राम सभाएं पीडीए का हिस्सा हो जाएंगी। इन ग्राम सभाओं में शहर की तरह विकास कार्य होंगे। अवैध कालोनी बनने पर अंकुश लग जाएगा। वर्तमान में पीडीए का दायरा 1015 वर्ग किलोमीटर का है।
इसमें 639 ग्राम सभाएं शामिल है। मुख्य नगर नियोजन अधिकारी टीपी सिंह का कहना है कि 2008 में पीडीए का दायरा शासन के निर्देश पर बढ़ाया गया था। इस बार क्षेत्रफल कितना बढ़ेगा। इस पर शासन से कोई निर्देश आने के बाद ही कहा जा सकता है।
संभावना जताई कि दायरा 1060 वर्ग किलोमीटर के आसपास हो जाएगा। महायोजना 2031 में बढ़ा है दायरा- प्रयागराज विकास प्राधिकरण का दायरा सामान्य रूप से 1015 वर्ग किलोमीटर है। इसमें से 309 वर्ग किलोमीटर महायोजना 2021 का हिस्सा है। महायोजना 2031 में 80 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हो गई है ऐसे में 389 वर्ग किलोमीटर का दायरा हो गया है।
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यह होगा फायदा
-जमीन की कीमत बढ़ जाएगी
- खेती करने, आवास बनाने का क्षेत्र निर्धारित होगा
- बेहतर पार्क बनेंगे
- गंगापार व यमुनापार में आवासीय कालोनी विकसित होगी - कैटल कालोनी बनेगी
- मार्ग प्रकाश का बेहतर प्रबंध
- अवैध प्लाटिंग पर अंकुश लगेगा
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गंगापार और यमुनापार में जमकर अवैध प्लाटिंग
अभी तक पीडीए के दायरे में न होने पर गंगापार और यमुनापार में जमकर अवैध प्लाटिंग हो रही थी। यमुनापार में मीरजापुर मार्ग पर रामपुर, मुंगारी और पचदेवरा तक तथा सिंगरौली मार्ग पर करछना तक प्लाटिंग हो रही है। इसी तरह रीवा मार्ग पर गौहनिया जारी बाजार के पास तक अवैध प्लाटिंग की जा रही है।
जिला पंचायत का घट जाएगा दायरा व बजट
प्रयागराज विकास प्राधिकरण का दायरा बढ़ते ही जिला पंचायत का दायरा सिकुड़ जाएगा। यही नहीं जिला पंचायत का बजट भी कम हो जाएगा। जिला पंचायत को अभी तक राज्य वित्त एवं 14वें वित्त से लगभग 60 करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए प्रतिवर्ष मिलते हैं। अब यह राशि लगभग 38 करोड़ रुपये सीमित हो जाएगी।
दरअसल, जिला पंचायत को गांवों, बस्तियों व मजरों तथा आबादी के मुताबिक ही राज्य वित्त एवं 14वें वित्त आयोग से धनराशि जारी होती है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी उमेश चंद्र का कहना है कि पीडीए का विस्तार गांवों में बढ़ेगा तो वे गांव जिला पंचायत से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में जिला पंचायत का दायरा अपनेआप ही कम हो जाएगा।