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Krishna Janmabhoomi Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने दी ये दलील, 20 मार्च को होगी अगली सुनवाई

Krishna Janmabhoomi Case मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि -शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने सूट नंबर सात का उल्लेख करते हुए बताया कि वादी ने विवादित क्षेत्र को मस्जिद स्वीकार किया है। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने कहा कि वादी का मुकदमा लिमिटेशन एक्ट द्वारा वर्जित है।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Wed, 13 Mar 2024 04:47 PM (IST)
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इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने दी ये दलील, 20 मार्च को होगी अगली सुनवाई
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि -शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में 20 मार्च को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ में बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने सूट नंबर सात का उल्लेख करते हुए बताया कि वादी ने विवादित क्षेत्र को मस्जिद स्वीकार किया है।

सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने कहा कि वादी का मुकदमा लिमिटेशन एक्ट द्वारा वर्जित है। वह दशकों बाद इसे हटाने की मांग करते हुए मुकदमा दायर नहीं कर सकते। उन्होंने सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत मस्जिद समिति के आवेदन पर अपनी दलीलें रखीं।

मस्जिद को हटाने की मांग वर्जित है

सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने इससे पहले 29 फरवरी को कहा था कि मुकदमा (अन्य बातों के साथ-साथ मस्जिद को हटाने की मांग) पूजा स्थल अधिनियम द्वारा वर्जित हैं।

जज विवेक संगल की अदालत में नहीं हो सकी सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही जामा मस्जिद प्रकरण में पक्षकार बनने को शमसाबाद के भजन लाल लोधी की याचिका पर जिला जज विवेक संगल की अदालत में बुधवार को नहीं हो सकी सुनवाई। वाद में गुरुवार को सुनवाई की तिथि लगाई गई है। यह वाद कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के संरक्षण वाले श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने दायर कर रखा है। भजन लाल लोधी की याचिका को पूर्व में लघु वाद न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद पक्षकार बनने को उन्होंने पुनर्विचार याचिका दायर की है।

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