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Krishna Janmashtami 2023: आज या कल... कब है रोहिणी नक्षत्र, मठ-मंदिरों में कब मनाया जाएगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव?

Shri Krishna Janmashtami 2023 Date जन्माष्टमी बुधवार व गुरुवार को मनाई जाएगी। गृहस्थ छह व वैष्णव संप्रदाय के लोग सात सितंबर को भगवान का जन्मोत्सव मनाएंगे। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र की मध्यरात्रि में हुआ था। इस बार अष्टमी तिथि छह सितंबर की शाम 7.58 बजे लगकर सात सितंबर की शाम 7.52 बजे तक रहेगी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Wed, 06 Sep 2023 09:44 AM (IST)
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Krishna Janmashtami 2023: आज या कल कब है रोहिणी नक्षत्र, पढ़ें मठ-मंदिरों में कब मनाया जाएगा कृष्ण जन्मोत्सव

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : जन्माष्टमी बुधवार व गुरुवार को मनाई जाएगी। गृहस्थ छह व वैष्णव संप्रदाय के लोग सात सितंबर को भगवान का जन्मोत्सव मनाएंगे। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र की मध्यरात्रि में हुआ था।

इस बार अष्टमी तिथि छह सितंबर की शाम 7.58 बजे लगकर सात सितंबर की शाम 7.52 बजे तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र छह सितंबर को दोपहर 2.39 बजे लगकर सात सितंबर की दोपहर 3.07 बजे तक रहेगा।

अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र होने के कारण छह सितंबर को जन्माष्टमी मनाना उचित रहेगा। उक्त तारीख पर सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग का अदभुत संयोग है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत और पूजन विधि

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की सुबह स्नान के बाद समस्त देवताओं को प्रणाम करके व्रत का संकल्प लें। दोपहर बाद कालातिल को जल में डालकर छिड़ककर देवकी के लिए प्रसूति गृह बनाएं। फिर पूजा घर में शुभ कलश स्थापित करके भगवान श्रीकृष्ण के साथ माता देवकी की मूर्ति स्थापित करना चाहिए।

देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद बाबा, यशोदा और माता लक्ष्मी का नाम लेकर पूजन करें। पूजन में हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे। इसके अलावा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा, ऊं नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि, ऊं नमो भगवते श्री गोविंदाय आदि का जाप करना चाहिए।

फलहार में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवे का सेवन कर सकते हैं।

51 चांदी के कलशों से होगा भगवान का अभिषेक

इस्कान मंदिर बलुआघाट में गुरुवार को श्रीकृष्ण जमन्मोत्सव मनाया जाएगा। भजन, कीर्तन, श्रीकृष्ण कथा और रात 12.15 से 12.30 बजे जन्मोत्सव की छटा आयोजन को चार चांद लगाएगी। कृष्णा के आकर्षक वस्त्रों से लेकर उनका पालना सजाने के लिए वृंदावन से टीम आयी है।

मंदिर के सचिव जय प्रकाश ने बताया कि शाम छह बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू हो जाएगी। रात नौ बजे से कीर्तन, उसके बाद श्री कृष्ण कथा, नृत्य, रात 11 बजे के बाद चांदी के 51 कलशों में पंचामृत, औषधियों आदि से महाभिषेक किया जाएगा।

मध्य रात्रि में रत्नजड़ित आभूषण धारण करके भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। आठ सितंबर को इस्कान के संस्थापक प्रभुपाद का प्रादुर्भाव दिवस मनाया जाएगा।

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