Shruti Suicide Case: इसी पोस्टमार्टम हाउस में करने आई थी ट्रेनिंग..., इतना कहकर फफक पड़े MBBS छात्रा श्रुति के पिता
Shruti Suicide Case - नदीम भाई... मैं बचा नहीं सका अपने बच्चे को...। इसी पोस्टमार्टम हाउस में दो दिन ट्रेनिंग करने आई थी आज उसी में बाॅडी... यह कहते हुए पिता मनोज श्रीवास्तव फफक पड़े। बेटी के इस तरह दुनिया से रूठ कर चले जाने का गम पिता से सहा नहीं जा रहा था। मनोज रिश्तेदारों से लिपट कर रोते तो कभी अंतिम संस्कार के लिए इंतजाम कराने को कहते।
By amardeep bhattEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 14 Oct 2023 10:25 PM (IST)
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। नदीम भाई... मैं बचा नहीं सका अपने बच्चे को...। इसी पोस्टमार्टम हाउस में दो दिन ट्रेनिंग करने आई थी, आज उसी में बाॅडी..., यह कहते हुए पिता मनोज श्रीवास्तव फफक पड़े। बेटी के इस तरह दुनिया से रूठ कर चले जाने का गम एक पिता से सहा नहीं जा रहा था। मनोज रिश्तेदारों, मित्रों से लिपट कर रोते तो कभी घाट पर अंतिम संस्कार के लिए इंतजाम कराने को कहते। शनिवार को श्रुति के पोस्टमार्टम के दौरान यह हृदय विदारक स्थिति वहां मौजूद किसी की भी आंखों में आंसू ला देने के लिए काफी थी।
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में श्रुति की आत्महत्या केवल एक जान ही जाना नहीं बल्कि उस परिवार के अरमानों का मिट्टी में मिलना है, जिसने लाडली बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था।
परिवार की चिंता खत्म हुई थी लेकिन...
श्रुति के इस आत्मघाती कदम से पिता मनोज श्रीवास्तव दूसरे दिन भी वस्तुस्थिति पर कुछ पशोपेश में रहे। फफकते हुए कहते रहे कि हम लोग आए थे, उससे मिले थे और साथ चलने के लिए कहा तो श्रुति ने परीक्षा की बात कहकर जाने से मना कर दिया।रिश्तेदारों से कहते कि बिटिया डॉक्टर बन गई थी, हम लोगों को खुशी थी कि अब उसकी शादी के लिए ज्यादा चिंता नहीं करनी पड़ेगी। क्या पता था कि एक दिन इस तरह से वह चली जाएगी हम सबको छोड़कर।
फांसी से हुई मौत, बिसरा प्रिजर्व
पोस्टमार्टम होने पर यह स्पष्ट हुआ कि श्रुति की मौत गले में फांसी लगने से हुई। हालांकि आत्महत्या से पहले श्रुति ने जो कुछ खाया था उस पर संदेह हुआ तो बिसरा प्रिजर्व कर लिया गया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराकर रिकार्ड सुरक्षित रख लिया गया।दिलासा देने पहुंचे प्राचार्य
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह, पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। श्रुति के पिता मनोज श्रीवास्तव, चाचा से मिले। कहा कि कॉलेज इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है। श्रुति पढ़ाई में अव्वल रहती थी यह कहकर भी उन्होंने पिता का दर्द बांटा।
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