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Prayagraj: तोतों की तस्करी में STF ने तीन को किया गिरफ्तार, 500 तोता व अर्टिगा कार समेत कई सामान बरामद

एसटीएफ की टीम ने 500 तोतों के साथ तीन आरोपितों को पकड़ा है। सभी के विरुद्ध कीडगंज थाने में वन दारोगा संजीव राठौर ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपितों के पास से तोतों के अलावा अर्टिगा कार मोबाइल नगदी समेत कई सामान बरामद किए गए हैं। वहीं बरामद तोतों को वन विभाग की टीम ने अपने पास रख लिया है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 08 Sep 2023 09:45 AM (IST)
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तोतों की तस्करी में एसटीएफ ने तीन को पकड़ा। -जागरण

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने तोतों की तस्करी के मामले में आसनसोल वर्धमान बंगाल निवासी मो. वसीम उर्फ अरमान, मो. आसिफ और रोशनबाग के कार चालक इंजमाम को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 500 तोता, अर्टिगा कार, मोबाइल, नगदी समेत कई सामान बरामद किए गए हैं। सभी के विरुद्ध कीडगंज थाने में वन दारोगा संजीव राठौर ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। तोतों को वन विभाग की टीम ने अपने पास रख लिया है। कोर्ट से अनुमति के बाद जंगल में छोड़ा जाएगा।

यह है मामला

एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार ने बताया कि वन्य जीव की तस्करी करने वालों की सूचना पर इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह, दारोगा विनय तिवारी की टीम को लगाया गया था। बुधवार रात कार से तोतों की तस्करी का पता चला। बांगड़ धर्मशाला के पास पुलिस और वन विभाग की टीम सतर्क हो गई। इसी बीच आई अर्टिगा कार की तलाशी में पांच पिजड़ा और प्लास्टिक के चेनदार बैग में 500 तोतों को क्रूरतापूर्वक रखे मिले।

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बताया गया कि अभियुक्तों का वन्यजीवों की तस्करी का एक गिरोह है। वसीम और आसिफ तीन दिन पहले ट्रेन से यहां आए थे। इसके बाद मस्तान मार्केट निवासी गुलफाम से तोते को खरीदा। वहीं से किराए पर कार बुक कर सभी आसनसोल जा रहे थे। वसीम ने बताया कि प्रयागराज से खरीदे गए तोते बिहार, झारखंड, बंगाल में बेचे जाते हैं।

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तंत्र-मंत्र को कराई जाती है तोतों की तस्करी

तोतों की तस्करी ज्योतिषीय उपयोग तथा तंत्रमंत्र के लिए कराई जाती है। यहां से तोतों को पकड़वा कर तस्कर बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत पूर्वोत्तर के राज्यों तक भेजते हैं। यहां इन तोतों की खासी मांग है। एसटीएफ द्वारा पकड़े गए तोते न्यायालय की अनुमति मिलते ही वन विभाग द्वारा नदियों के किनारे स्थित कछारी क्षेत्रों, जंगलों और पहाड़ों पर छोड़े जाएंगे। फिलहाल अभी ये वन विभाग के ही कब्जे में हैं, जिनके भोजन-पानी के इंतजाम के लिए वन विभाग की टीम लगाई गई है।

तस्कर ऐसे पकड़वाते हैं तोते

बारा, शंकरगढ़, कोरांव व मेजा क्षेत्र के जंगलों तथा पहाड़ों के साथ ही गंगा, यमुना, टोंस व बेलन नदी के कछारी इलाकों में बच्चों तथा किशोरवय युवकों से इन तोतों को तस्कर पकड़वाते हैं। बताते हैं कि घोसले से ही किशोर तोते और उनके बच्चों को पकड़ लेते हैं। झुंड दिखने पर कई बार जाल भी बिछाते हैं। यही नहीं गूथे हुए आटे में गुड़ मिलाकर छोटी गोली बनाते हैं, जिसमें बेहोशी की दवा मिला दी जाती है और तोतों के सामने फेंक दिया जाता है जिसे तोते खाते ही बेहोश हो जाते हैं। बच्चों और किशोरों के अलावा कई स्थानों पर पुरुष भी तोतों को पकड़ते हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा के गांवों से गुजरे विंध्य पर्वत श्रेणी माला पर दर्जनों लोग तोतों को पकड़ने का अवैध कार्य कर रहे हैं। सोहागी पहाड़ के साथ ही कोरांव में बड़ोखर बाजार के पास स्थित पहाड़ पर दिन भर तोते पकड़ने वाले सक्रिय रहते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

डीएफओ महावीर कौजलगी ने कहा कि एसडीएफ द्वारा पकड़े गए तोते वन विभाग के पास रखे गए हैं। उनके भोजन-पानी की व्यवस्था करा दी गई है। पक्षी विशेषज्ञों की खास टीम उनकी देखभाल के लिए लगाई गई है। अदालत से अनुमति मिलते ही इन तोतों को छोड़ दिया जाएगा।

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