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प्रयागराज में क्यों उग्र हुए छात्र? प्रदर्शन शुरू होने से पुलिस के लाठीचार्ज तक, PHOTOS में समझें पूरा मामला

प्रयागराज में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के पैटर्न में बदलाव और नार्मलाइजेशन लागू करने के विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। छात्र एक दिवसीय परीक्षा की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि आयोग ने आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियमों में मनमाने बदलाव किए हैं। फोटोज से समझिए प्रदर्शन से पुलिस की लाठीचार्ज तक कब-क्या हुआ...

By Abhishek Pandey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 11 Nov 2024 05:03 PM (IST)
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प्रयागराज में प्रदर्शन करते छात्र (फोटो- जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा पीसीएस-2024 प्रारंभिक और आरओ-एआरओ 2024 प्रारंभिक परीक्षा को दो दिनों में कराने के निर्णय और नार्मलाइजेशन लागू करने के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन शुरू हो गया है।

हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्रों ने लोक सेवा आयोग चौराहे पर लगे बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आयोग के गेट नंबर दो पर पहुंच गए। भीड़ ऐसी की चारों तरफ छात्र ही दिखाई दे रहे हैं।

करीब 10 बजकर 30 मिनट पर सैकड़ों की संख्या में छात्र लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन करने के लिए एकत्र होना शुरू हुए।

देखते ही देखते कुछ ही देर में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ने लगी।

कुछ देर बाद सैकड़ों की संख्या में एकत्र छात्रों ने सरकार व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

करीब 11 बजकर 30 मिनट पर छात्रों व पुलिस में धक्का-मुक्की शुरू हुई।

12 बजे छात्रों का प्रदर्शन उग्र होने लगा और पुलिस व प्रदर्शनकारी छात्रों में फिर नोकझोंक हुई।

दोपहर 12 बजे छात्रों ने लोक सेवा आयोग के लिए कूच कर दिया है। वहीं पुलिस मामले को संभालने की कोशिश करती रही।

आयोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी है और आयोग की और कूच कर दिया।

करीब 12 बजकर 30 मिनट पर प्रतियोगी छात्र लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष कार्यालय के बाहर एकत्रित हो गए।

अध्यक्ष के कार्यालय के सामने एकत्र हुए हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्रों ने हाथ में तख्तियां लेकर नारेबाजी की।

छात्रों का प्रदर्शन उग्र होता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्रों में भगदड़ मच गई।

छात्र क्यों कर रहे प्रदर्शन?

लोकसेवा आयोग द्वारा पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सात और आठ दिसंबर को प्रस्तावित की गई है। वहीं आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को प्रस्तावित की है। प्रदर्शनकारी छात्र दो दिवसीय परीक्षा और नार्मलाइजेश को लागू करने का विरोध कर रहे हैं।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा-

भर्ती अधिसूचना के तहत 11 फरवरी को आरओ/एआरओ-2023 (प्रारंभिक) परीक्षा का आयोजन एक दिन में किया था, पेपर लीक कांड के बाद परीक्षा निरस्त हुई तो आयोग ने 22-23 दिसंबर को प्रस्तावित पुर्नपरीक्षा के लिए परीक्षा योजना बदल दी।

पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का एक दिवसीय प्रारुप भी बदलकर दो दिवसीय कर दिया गया। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियमों में मनमाने बदलाव किए गए। आरओ/एआरओ परीक्षा में सिंगल मार्किंग लिखी है। पेपर वन और पेपर-2 के तहत परीक्षा हुई व अब पुर्नपरीक्षा से पूर्व दोनों पेपर को मर्ज कर दिया। पुराना पैटर्न बदल कर नार्मलाइजेशन का निर्णय ले लिया। परीक्षा प्रक्रिया को ही बदल दिया गया।  छात्र एक दिवसीय परीक्षा की मांग कर रहे हैं।

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