UPPSC: 'जीत अभी अधूरी है...', प्रयागराज में पांचवें दिन भी छात्रों का आंदोलन जारी, अब इस मांग पर अड़े
UPPSC Protest आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन एक शिफ्ट में करने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर आंदोलन पांचवें दिन भी जारी रहा। आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना ह कि परीक्षा रद्द करने और समिति बनाने से काम नहीं चलेगा आयोग को एक दिवस एक पाली में परीक्षा का निर्णय लेना होगा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन एक शिफ्ट में करने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर आंदोलन पांचवें दिन भी जारी रहा। सुबह से ही आंदोलन स्थल पर प्रतियोगी छात्रों के आने का क्रम जारी है। छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है की परीक्षा रद्द करने और समिति बनाने से काम नहीं चलेगा, आयोग को एक दिवस एक पाली में परीक्षा का निर्णय लेना होगा।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिवसों में करने का निर्णय लिया था, इसके विरोध में सोमवार से छात्र लगातार आयोग के बाहर आंदोलन कर रहे हैं। गुरुवार को आयोग ने पीसीएस की परीक्षा पूर्व की भांति एक दिवस एक पाली में करने का निर्णय ले लिया और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करते हुए समिति का गठन कर दिया था।
समिति परीक्षा की गाइडलाइन और परीक्षार्थियों की संख्या के अनुसार केंद्र निर्धारण के नियम तैयार करेगी और इस आधार पर आयोग किसी नतीजे तक पहुंचेगा। शुक्रवार को आंदोलन पर बैठे प्रतियोगी छात्रों ने कहा कि स्थगन से वे संतुष्ट नहीं है। आयोग को एक दिवस एक पाली में परीक्षा का निर्णय लेना होगा, इसके बाद ही वह आंदोलन स्थल से हटेंगे।
'याचना नहीं अब रण होगा, युद्ध और भीषण होगा'
बता दें, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने के लिए राजी होने और आरओ-एआरओ की परीक्षा में समिति का पेच फंसाने पर आयोग प्रतियोगी छात्रों के निशाने पर रहा। बोले- क्या सोचा था बटेंगे, नहीं अब यहीं डटेंगे। आयोग के इस निर्णय के बाद प्रतियोगी छात्रों ने "याचना नहीं अब रण होगा, युद्ध और भीषण होगा।" जैसे पोस्टर लहराते हुए आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया।प्रतियोगी छात्र फिरोज सिद्दीकी ने कहा कि जो छात्र आरओ-एआरओ की परीक्षा देता है वह पीसीएस भी देता है। ऐसे में यदि एक परीक्षा को एक दिवसीय किया गया तो दूसरी परीक्षा दो दिवसीय होने से उनको नार्मलाइजेशन के कारण असमान मूल्यांकन झेलना होगा। ऐसे में दोनों परीक्षाओं में वन डे-वन शिफ्ट लागू होना चाहिए। प्रतियोगी सुमित वर्मा ने कहा कि आयोग ने छात्रों को बांटने के लिए दोहरा निर्णय लिया, पर वह बंटने नहीं डटने आए हैं।
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