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UP News: अयोध्या पर अनर्गल टिप्पणी से स्वामी वासुदेवानंद नाराज, बोले- प्रभु श्रीराम वोट दिलाने के ठेकेदार नहीं

लोकसभा चुनाव जीतकर पीएम मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। लेकिन इस चुनाव भाजपा को अयोध्‍या लोकसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में भाजपा की बड़ी किरकिरी हुई कि जिन्‍होंने राम मंदिर का निमार्ण कराया वहां से वह कैसे हार गई। भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के पराजित होने पर अयोध्या पर अनर्गल बयानबाजी चल रही है।

By Mehmood Alam Edited By: Vivek Shukla Published: Sat, 15 Jun 2024 12:21 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2024 12:21 PM (IST)
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती। जागरण

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इशारों-इशारों पर भाजपा पर शब्दबाण छोड़ रहा है। वहीं, फैजाबाद संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के पराजित होने पर अयोध्या पर अनर्गल बयानबाजी चल रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है।

कहा कि प्रभु श्रीराम वोट दिलाने के ठेकेदार नहीं हैं। प्रभु श्रीराम और अयोध्या आस्था व समर्पण का केंद्र है। श्रीराम सबके हैं। ऐसे में प्रभु श्रीराम व उनकी जन्मभूमि अयोध्या पर अनर्गल टिप्पणी करना धर्म व राष्ट्र के खिलाफ है।

रामभक्‍त नहीं होते पराजित 

जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि जिन्होंने श्रीराम का काम किया है, उनके ऊपर उनकी (श्रीराम) कृपा बरस रही है। यह दृष्टि का फर्क है। जिन्हें लग रहा है कि रामभक्त चुनाव में पराजित हो गए हैं तो यह उनकी भूल है।

श्रीराम भक्त कभी पराजित हो ही नहीं सकते। श्रीराम जन्मभूमि में बना अद्भुत व अलौकिक मंदिर उसका प्रमाण है। केंद्र व प्रदेश की सत्ता में बैठे लोग भारत व सनातन धर्म का मान दुनियाभर में बढ़ा रहे हैं। वो आगे भी बढ़ाएंगे। उनमें न कभी अहंकार था और न आएगा। भक्त अहंकारी नहीं, बल्कि विनम्र होता है। वो कम बोलकर अधिकर कार्य करता है। ऐसे लोगों के ऊपर मेरा आशीर्वाद पहले था और आगे भी रहेगा।

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बयानबाजी से माहौल होता है खराब

आरएसएस की ओर इशारा करते हुए कहा कि सनातन धर्म व हिंदुत्व की रक्षा के लिए जीवन खपाने वाले लोगों को अनर्गल बयानबाजी से बचना चाहिए, क्योंकि इससे माहौल खराब होता है। हर शब्द के भाव लोग अपनी मंशा के अनुरूप निकालते हैं। ऐसे में बोलने से पहले यह सोचना चाहिए कि उसका भाव क्या निकलेगा?

सनातन धर्म व हिंदुत्व के सामने चुनौती लगातार बनी हैं। विदेश में बैठी ताकतें रामभक्तों को सत्ता में पचा नहीं पा रही हैं। ऐसी ताकतें चाहती हैं कि सत्ता में उनके इशारों पर चले। देश के अंदर व बाहर उनके लोग सक्रिय हैं। इस प्रकार की चुनौतियों से लड़ने के लिए मिलकर काम करना होगा। तभी अखंड भारत का स्वप्न साकार होगा और सनातन धर्म सुरक्षित हर पाएगा।

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अयोध्या को भोगस्थली बनाने से भाजपा वहां जारी

विकास के नाम पर अयोध्या जैसी तपस्थली को भोग स्थली बनाने से भाजपा को वहां हार मिली। जहां-जहां राम गए वहां-वहां भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। अब भी समय है भाजपा संभल जाए। यह बातें पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहीं।

वह शुक्रवार को शिवगंगा आश्रम में आयोजित हिंदू राष्ट्र संगोष्ठी में भक्तों को संबोधित कर रहे थे। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ एक नकली शंकराचार्य को देश-विदेश में घुमा रहे हैं। इससे मान्य पीठ के शंकराचार्यों का अपमान हो रहा है।

व्यासपीठ व मान्य शंकराचार्यों की उपेक्षा करने वाले का विनाश हो जाता है। कहाकि आडवानी, ज्योति बसु, लालू जैसे नेता हमसे टकराए तो उनकी दशा सब देख रहे हैं। यह भी कहाकि अहंकार ठीक नहीं होता है। यह विनाश का कारण बनता है।

कहा कि इस बार तो भाजपा ने जैसे-तैसे गठबंधन की सरकार बनाई है, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हमारे परिचितों में हैं। इस अवसर पर स्वामी निर्विकल्पानंद सरस्वती, प्रफुल्य ब्रह्मचारी, ऋषिकेश ब्रह्मचारी, विवेक मिश्र आदि मौजूद रहे।


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