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UP News: अरबों रुपये की शत्रु संपत्तियों की होगी ई-नीलामी, 1947 से वसूला जाएगा किराया; सर्वे शुरू

अरबों रुपये की शत्रु संपत्ति की अब ई-नीलामी होगी। इसके लिए जिले में सर्वे शुरू हो गया है। करछना और फूलपुर तहसील क्षेत्र में स्थित शत्रु संपत्तियों का सर्वे कराया जा रहा है। शेड्यूल के अनुसार सभी तहसीलों में शत्रु संपत्तियों का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के लिए शत्रु संपत्ति अभिरक्षक का कार्यालय अलीगंज लखनऊ के वरिष्ठ सलाहकार पुष्कर श्रीवास्तव और सर्वेक्षक अशोक सिंह की कमेटी गठित की गई है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Sun, 26 Nov 2023 08:52 AM (IST)
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अरबों रुपये की शत्रु संपत्तियों की होगी ई-नीलामी, 1947 से वसूला जाएगा किराया; सर्वे शुरू

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। अरबों रुपये की शत्रु संपत्ति की अब ई-नीलामी होगी। इसके लिए जिले में सर्वे शुरू हो गया है। करछना और फूलपुर तहसील क्षेत्र में स्थित शत्रु संपत्तियों का सर्वे कराया जा रहा है। शेड्यूल के अनुसार सभी तहसीलों में शत्रु संपत्तियों का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजी जाएगी।

सर्वे के लिए शत्रु संपत्ति अभिरक्षक का कार्यालय अलीगंज, लखनऊ के वरिष्ठ सलाहकार पुष्कर श्रीवास्तव और सर्वेक्षक अशोक सिंह की कमेटी गठित की गई है। दोनों अधिकारी प्रयागराज में कैंप कर रहे हैं। इस कमेटी के साथ संबंधित तहसील के एसडीएम भी सर्वे में शामिल होंगे।

सर्वे को लेकर वरिष्ठ सलाहकार व सर्वेक्षक ने शुक्रवार को संगम सभागार में सीआरओ, आठ तहसीलों के एसडीएम तथा तहसीलदारों के साथ महत्वपूर्ण बैठक भी की। इसके बाद पूरी रिपोर्ट डीएम नवनीत सिंह चहल को दी गई।

गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार, जिले में पहले से 120 शत्रु संपत्तियां चिह्नित हैं। इसके अलावा हाल के कुछ वर्षों में 65 अतिरिक्त शत्रु संपत्तियां भी चिह्नित कर ली गईं हैं। कुल 185 शत्रु संपत्तियों का अभिलेख निकलवाए जा रहे हैं।

शत्रु संपत्तियों पर है लोगों का कब्जा

करछना के हथिगनी गांव में कमेटी ने सर्वे किया। वहां शत्रु संपत्तियों की जांच के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई। यहां सभी शत्रु संपत्तियों पर कब्जा है। मुक्त कराने के लिए एसडीएम को पत्र भेज दिया गया। खास बात यह कि इस गांव में कुल पांच शत्रु संपत्तियां घोषित हैं, जबकि रिकार्ड खंगालने पर नौ अन्य शत्रु संपत्तियां भी पाई गईं।

फूलपुर में पांच एकड़ की एक शत्रु संपत्ति का भी सर्वे हो गया। मऊआइमा में करीब 35 बीघे जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है। आठ तहसीलों में 550 बीघे से ज्यादा जमीन पर कब्जा पाया गया है।

करछना और फूलपुर तहसील क्षेत्र में ही अभी दो दिन और सर्वे होगा। इसके बाद सोरांव, हंडिया, कोरांव, मेजा, बारा व सदर तहसील क्षेत्रों में भी सर्वे कराया जाएगा। सबसे ज्यादा सदर तहसील क्षेत्र में शत्रु संपत्तियां हैं।

सर्वेक्षक अशोक सिंह ने बताया कि रिपोर्ट तैयार कराकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। सीआरओ कुंवर पंकज ने बताया कि जो भी शत्रु संपत्ति अवैध कब्जे में है, शासन के निर्देश पर उसे मुक्त कराने के लिए बड़ा अभियान जल्द ही शुरू होगा।

क्या है शत्रु संपत्ति

शत्रु संपत्ति वह है जो भारत से पाकिस्तान या अन्य देशों में चले गए लोगों द्वारा देश में छोड़ी गई संपत्ति है। वर्ष 1947 में विभाजन के बाद बड़ी संख्या में बड़े भूस्वामी करेली, करैलाबाग, खुल्दाबाद, बमरौली, करछना, फूलपुर, सोरांव, पुरामुफ्ती, धूमनगंज, झूंसी परगना, मऊआइमा और फूलपुर जैसे इलाकों में अपनी संपत्ति छोड़कर पाकिस्तान चले गए। इसके बाद 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम बना। इसमें राज्य सरकार को ऐसी सभी जमीनों का संरक्षक बनाया गया।

खाली शत्रु संपत्तियां पहले होंगी नीलाम

सर्वेक्षक ने बताया कि खाली शत्रु संपत्तियां पहले नीलाम की जाएंगी। इसके लिए अलग रिपोर्ट तैयार हो रही है। कोशिश हो रही है जल्द से जल्द नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। इसके बाद जिन शत्रु संपत्तियों पर निर्माण हुआ है, उनके कब्जाधारकों से वर्ष 1947 से किराया वसूला जाएगा। इसके बाद नीलामी में उसे वरीयता दी जाएगी। सर्किल रेट के आधार पर ही बेची जाएगी।

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