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पुराने वकील पर मिथ्या आरोप लगाने वाले तीन याचियों पर दो-दो लाख रुपये हर्जाना, हाई कोर्ट ने दिए वसूली के आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीन याचियों पर दो-दो लाख रुपये का हर्जाना लगाया है और उनकी याचिका खारिज कर दी है। याचियों ने पहले वकील से संपर्क किए बिना झूठा हलफनामा दायर कर दूसरा वकील रखने का प्रयास किया था। कोर्ट ने नए वकील को याचियों को हर्जाना राशि जमा करने के लिए कहा है और जमा न करने पर कानूनी कार्यवाही करने की बात कही है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sun, 08 Sep 2024 04:15 AM (IST)
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कोर्ट ने कहा, याची का आचरण सदाशयता पूर्ण नहीं है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पहले वाले वकील से संपर्क किए बगैर उसके बारे में झूठा हलफनामा दायर कर दूसरा वकील रखने को गंभीरता से लिया है और तीनों याचियों पर दो-दो लाख रुपये प्रत्येक पर हर्जाना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी है। 

कोर्ट ने नए रखे गए अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह को आदेश की प्रति याचियों को चार सप्ताह में हर्जाना राशि हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करने के लिए भेजने का निर्देश दिया है। कहा है कि जमा न करने पर जरूरी कानूनी कार्यवाही की जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने आजमगढ़ निवासी मोहम्मद परवेज व दो अन्य की याचिका पर दिया है। पहले अधिवक्ता श्याम सुंदर त्रिपाठी ने बहस की थी। 

कहा कि याची ने उनसे संपर्क नहीं किया, न ही फाइल वापस मांगी और न ही अनापत्ति मांगी। इसलिए दूसरे वकील द्वारा दाखिल याची के हलफनामे में लगाए गए झूठे आरोप पर आपत्ति है। 

कोर्ट ने कहा, नए वकील कोर्ट में मौजूद नहीं हैं और पुराने वकील काफी वरिष्ठ हैं। उनकी बात में सच्चाई दिखाई दे रही है। याची का आचरण सदाशयता पूर्ण नहीं है। उसने गलतबयानी कर हलफनामा दाखिल किया है। इसलिए भारी हर्जाना लगाया जाता है।