RO/ARO पेपर लीक के मास्टरमाइंड के खाते से करोड़ों का लेन-देन, STF के हाथ लगी चौकाने वाली जानकारी
पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। एसटीएफ ने राजीव के साथ ही सुभाष प्रकाश और गिरोह के कई सदस्यों के बैंक खातों का ब्योरा खंगाला है। राजीव अपने सहयोगियों को बैंक खाते ऑनलाइन भी पैसे ट्रांजेक्शन करता था। मास्टरमाइंड राजीव की दोस्त भोपाल निवासी शिवानी सहित कई की तलाश तेज कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच में जुटी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को चौंकाने वाली जानकारी मिली है।
पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। एसटीएफ ने राजीव के साथ ही सुभाष प्रकाश और गिरोह के कई सदस्यों के बैंक खातों का ब्योरा खंगाला है। राजीव अपने सहयोगियों को बैंक खाते, ऑनलाइन भी पैसे ट्रांजेक्शन करता था।
कुछ ऐसे भी तथ्य मिले हैं, जिसके आधार पर मास्टरमाइंड राजीव की दोस्त भोपाल निवासी शिवानी सहित कई की तलाश तेज कर दी गई है। एसटीएफ का कहना है कि राजीव नयन के तीन और सुभाष के पांच अलग-अलग खाते हैं।
नीट का पेपर चुराने वाले इंजीनियर समेत दो गिरफ्तार
बता दें नीट पेपर लीक मामले में सीबीआइ ने एनटीए के ट्रंक से पेपर चुराने वाले इंजीनियर समेत दो आरोपितों को पटना और हजारीबाग से गिरफ्तार किया है। पटना से गिरफ्तार किया गया पंकज कुमार पेशे से सिविल इंजीनियर है। वह मूलरूप से झारखंड के बोकारो का रहने वाला है और उसने जमशेदपुर में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी से 2017 में इंजीनियरिंग (बीटेक) की डिग्री ली है।
वहीं, हजारीबाग से सीबीआइ टीम ने गेस्ट हाउस संचालक राजकुमार सिंह उर्फ राजू को गिरफ्तार किया है। सीबीआइ एक दिन पहले ही उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। मंगलवार को उसे गिरफ्तार करने के बाद सीबीआइ पटना ले गई। सीबीआइ ने राजकुमार सिंह से संबंधित रामनगर स्थित राज गेस्ट हाउस को सील कर दिया है। गेस्ट हाउस से बड़ी मात्रा में दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जिसे सीबीआइ टीम साथ ले गई है।
पटना से गिरफ्तार पंकज पर आरोप है कि जिस ट्रंक से यूजी परीक्षा के प्रश्नपत्र हजारीबाग के परीक्षा केंद्र तक पहुंचाए जा रहे थे उनमें एक बुकलेट उसी ने गायब किया था। जिसे गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचाने के लिए उसने राजकुमार सिंह उर्फ राजू को दिया था। सीबीआइ को आशंका है कि प्रश्नपत्र लीक का मास्टरमाइंड हजारीबाग के इसी गेस्टहाउस में आकर रुका था और पेपर को गायब करने में राजकुमार ने आरोपितों की मदद की थी।
कुछ छात्रों को गेस्ट हाउस में रखकर प्रश्नों के उत्तर भी रटवाए गए थे। यह भी जानकारी सीबीआइ के हाथ लगी है कि गेस्ट हाउस में रुकने वाला संदिग्ध बिहार से हजारीबाग पहुंचा था और उसके लिए वाहन आदि का इंतजाम भी गेस्ट हाउस संचालक ने ही किया था।
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