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UP Police Recruitment: सिपाही भर्ती परीक्षा में पास कराने का ले रहे थे ठेका, STF ने दो जालसाज को किया गिरफ्तार

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने शुभम सोनकर और पवन कुमार पाल को गिरफ्तार किया है जो अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल करते थे। इनके कब्जे से कई अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र सहित कई सामान बरामद किया गया है। गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

By Tara Gupta Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 01 Sep 2024 03:37 PM (IST)
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एसटीएफ की गिरफ्त में सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर ठगी के आरोपित। साभार- एसटीएफ
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए शुभम सोनकर और पवन कुमार पाल को गिरफ्तार किया है। आरोपित शुभम प्रतापगढ़ के मानिकपुर थाना क्षेत्र स्थित मिरगढ़वा बजहाभीट गांव का निवासी है, जबकि पवन जौनपुर के कमासिन कसरवा का रहने वाला है। इनके कब्जे से कई अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र सहित कई सामान बरामद किया गया है।

शुभम के पिता फतेहपुर में डायल-112 में हेड कांस्टेबल है। गैंग के जुड़ा यूपी बोर्ड के लिपिक कमलेश सोनकर व अरुण प्रताप सिंह अभी वांछित हैं। दोनों की तलाश में एसटीएफ टीम जुटी हुई है। सभी के खिलाफ मानिकपुर थाने में मुकदमा लिखा गया है। इससे पहले मऊआइमा से भी इसी तरह के गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया था।

बताया गया है कि पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसटीएफ को लगाया गया था। इसी दौरान एसटीएफ के डिप्टी एसपी शैलेश प्रताप सिंह को प्रतापगढ़ में ठगी करने वाले गिरोह के बारे में पता चला। तब उन्होंने इंस्पेक्टर जेपी राय के नेतृत्व में दारोगा विनय तिवारी सहित कई पुलिसकर्मियों की टीम को लगाया गया।

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एसटीएफ टीम ने प्रतापगढ़ पहुंचकर घेरेबंदी करते हुए शुभम व पवन को दबोच लिया। पूछताछ में शुभम ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को पास कराने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूल करता था।

वह अभ्यर्थियों का पैसा और प्रवेश पत्र लेकर अपने साथी अरुण प्रताप सिंह निवासीग्राम बरजी नसरतपुर प्रयागराज के पास गया था। उसने अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र लिया और अरुण ने अभ्यर्थियों से ढाई लाख रुपये इकट्ठा किया।

10 से 14 लाख रुपये में होती थी डील

गिरफ्त में आए शुभम व पवन ने बताया कि अभ्यर्थियों से 10 से लेकर 14 लाख रुपये की डील होती थी। उन्हें आश्वस्त किया जाता था कि अपनी सेटिंग से पास करवा देंगे। इसके बाद अभ्यर्थियों से कुछ रकम एडवांस भी ले ली जाती थी। एडवांस पैसा अरुण और कमलेश सोनकर ने लिया था, जो फरार हैं।

यह भी हुई बरामदगी

आरोपितों के कब्जे से 13 अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र, दो मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, डीएल, डेविड कार्ड, दो पासबुक, एक चेकबुक, इंटरमीडिएट के तीन अंकपत्र, अभ्यर्थी रामू के नाम से 10 रुपये का स्टांप पेपर और ओएमआर उत्तर पत्रक व नकदी बरामद की गई है।

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नाना के घर पर रहता था हेड कांस्टेबल का बेटा शुभम

एसटीएप के हत्थे चढ़ा शुभम सोनकर पुत्र दिलीप कुमार मूलरूप से मुंडेरा प्रयागराज का रहने वाला है। वह मानिकपुर के मिरगढ़वा गांव में अपने नाना सतीश सोनकर के यहां रहता था। पवन पाल पुत्र जगन्नाथ इसका साथी है।

थाना प्रभारी दीप नारायण ने बताया कि इस केस में बरजी नसरतपुर सोरांव प्रयागराज निवासी अरुण कुमार सिंह पुत्र दिनेश प्रताप सिंह और यूपी बोर्ड आफिस प्रयागराज के प्रधान लिपिक कमलेश कुमार सोनकर को भी नामजद किया गया है। कमलेश, शुभम सोनकर का चाचा है। शुभम का पिता फतेहपुर जिले में 112 पुलिस में हेड कांस्टेबल है। वह दो बहन और भाइयों में अकेला है।

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