उमेश पाल हत्याकांड में 'ठाकुर' पर भी कसेगा शिकंजा, अतीक के चौथे बेटे ने ही साजिशकर्ताओं को दिया था कोडनेम
Umesh Pal Murder Case अतीक अहमद का चौथा बेटा एहजम अब बालिग हो चुका है। माफिया का पुत्र बाल गृह से निकलने पर छोटे भाई संग हटवा में है। उमेंश पाल हत्याकांड में उसकी भूमिका उजागर हो गई है। पुलिस की विवेचना में अभी वांछित नहीं किया गया है। अतीक के बेटे एहजम ने बड़े छोटे उल्लू मुर्गी राधे जैसे कोडनेम व आइफोन की आइडी तैयार की थी।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 13 Oct 2023 08:52 AM (IST)
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। साल की सबसे सनसनीखेज और चर्चित वारदात उमेश पाल हत्याकांड में एक और बात खास रही, वो ये कि शूटरों और साजिशकर्ताओं ने आपस में बातचीत के लिए कोडनेम रखे थे। आइफोन की आइडी भी इसी कोडनेम से बनाई थी। इनमें अतीक के चौथे नंबर के बेटे एहजम का कोडनेम था ठाकुर। मौजूदा समय में ठाकुर यानी एहजम छोटे भाई के साथ हटवा गांव के मकान में बुआ की सुपुर्दगी में है।
उमेश पाल कांड में उसकी भूमिका उजागर हो चुकी है लेकिन अभी उसे पुलिस की विवेचना में वांछित नहीं किया गया है। पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि अभी जांच हो रही है और बालिग हो चुके एहजम पर भी कानूनी शिकंजा कसा जा सकता है।
24 फरवरी को सुलेमसराय में हुए उमेश पाल शूटआउट के बाद पुलिस को जांच के दौरान अतीक अहमद के चकिया वाले मकान से एक स्कूल रजिस्टर मिला था। यह रजिस्टर था अतीक के चौथे नंबर के बेटे एहजम का। उस पर बड़े, छोटे, राधेश, ठाकुर, उल्लू, मुर्गी जैसे कई शब्द लिखे थे। जांच में पता चला कि ये कोडनेम थे जो इस साजिश में शामिल लोग फोन पर बातचीत में इस्तेमाल करते थे। इसके बाद पुलिस ने अतीक के वकील खान सौलत हनीफ को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो और भी जानकारी मिली।
हटवा गांव में हथियारबंद सिपाहियाें की निगरानी में अतीक के दोनों बेटे। -जागरण
यह भी पढ़ें, Atiq Ahmed Son: कभी मांगते मटन बिरयानी तो कभी मांगते चिकन कबाब, बाल गृह से छूटे अतीक अहमद के बेटे तो हुआ खुलासा
उसने बताया कि साजिश में शामिल लोगों के लिए खरीदे गए आइफोन की क्लाउड आइडी एहजम ने बनाई थी। एहजम ने ही अतीक को बडे, अशरफ को छोटे, असद को राधे, गुलाम को उल्लू, वकील सौलत को एडवोकेट, गुड्डू मुस्लिम को मुर्गी, अरमान को बिहारी, विजय चौधरी को उस्मान कोडनेम दिया था। अपना कोडनेम उसने ठाकुर रखा। वह खुद को ठाकुर कहलाना पसंद करता रहा है।यूं हत्याकांड में सीधे तौर पर तो एहजम की भूमिका नहीं उभरकर सामने आई है लेकिन आइफोन की आइडी तैयार करने और कोडनेम रचने के तौर पर उसका नाम जांच में आया है। धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्या का कहना है कि अभी विवेचना जारी है। सामने आ रहे तथ्यों को ध्यान में रखा जा रहा है। अगर विवेचना में एहजम के विरुद्ध ठोस सुबूत मिलते हैं तो उसे भी साजिश रचने का आरोपी बनाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें, बुआ के घर रहने पहुंचे अतीक के बेटे तो मकान मालिक ने खाली कराया घर, इसी इलाके में कभी बोलती थी माफिया की तूंती
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।