UP News: यूपी के बेसिक स्कूलों में नए एडमिशन पर सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट; 5350 विद्यालयों का ऐसा हाल
UP Basic School News यूपी के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बच्चों को यूनीफॉर्म से लेकर कॉपी और किताबें भी मुफ्त दी जा रही हैं। बावजूद इसके यूपी के परिषदीय विद्यालयों में नए सत्र में बच्चों के नामांकन नहीं हो पा रहे हैं। सबसे अधिक खराब स्थिति शाहजहांपुर और एटा जिले की है।
अमलेन्दु त्रिपाठी, प्रयागराज। बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन के स्तर को सुधारने, स्कूलों की आधारभूत व्यवस्था को बेहतर बनाने को प्रयासरत है। यह लक्ष्य है कि स्कूलों में पंजीयन बढ़े। प्रत्येक विद्यालय में पिछले सत्र की तुलना में न्यूनतम 10 प्रतिशत अधिक पंजीयन का लक्ष्य दिया गया बावजूद इसके 50 जिलों के 5350 स्कूलों में एक भी नया प्रवेश नहीं हुआ। इसमें कक्षा एक से संबंधित 3894 विद्यालय और कक्षा छह से संबंधित बिना प्रवेश वाले 1456 स्कूल हैं।
125 परिषदीय स्कूलों में प्रवेश ही नहीं
प्रयागराज में 125 परिषदीय स्कूल ऐसे हैं जहां कक्षा एक में एक भी प्रवेश नहीं हुआ जबकि 12 वित्तपोषित स्कूल शून्य नामांकन वाले हैं। कक्षा छह में बेसिक शिक्षा विभाग के 16 और वित्तपोषित स्कूल 78 अर्थात कुल 97 जूनियर स्कूलों में एक भी नया पंजीयन नहीं हुआ।
शाहजहांपुर में शून्य नामांकन
शून्य नामांकन वाली सूची में प्रदेश में शीर्ष स्थान पर शाहजहांपुर है। यहां सबसे अधिक 464 विद्यालय हैं जिनमें कक्षा एक में कोई प्रवेश नहीं हुआ। आगरा में 443, मैनपुरी में 432, बदायूं में 277,अलीगढ़ में 272, बरेली में 253, एटा में 236, मथुरा में 192, कासगंज में 135, फतेहपुर में 126, मेरठ में 118, हाथरस में 117, पीलीभीत 92, प्रतापगढ़ 84, सहारनपुर 82, मुजफ्फरनगर 81, फिरोजाबाद के 75 स्कूलों में एक भी प्रवेश नहीं हुआ।
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एटा भी शून्य पंजीयन वाली सूची में शीर्ष पर
प्रदेश स्तर पर देखें तो कक्षा छह में नए सत्र में शून्य पंजीयन वाली सूची में शीर्ष पर एटा है। यहां 100 विद्यालयों में एक भी नया प्रवेश नहीं हुआ। शाहजहांपुर में 99 अलीगढ़ में 87, बुलंदशहर व मथुरा में 86, आगर में 78, मेरठ में 77, प्रतापगढ़ में 72, बदायूं में 70, मुजफफरनगर, बरेली, कासगंज, सहारनपुर, मैनपुरी, फतेहपुर, बागपत में क्रमश: 69, 67, 62, 55, 51, 50, 44 स्कूलों में कक्षा छह में कोई नया प्रवेश नहीं हुआ। इस बात की जानकारी प्रेरणा पोर्टल के आंकड़ों से हो रही है। अब इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को विभाग की तरफ से नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
87267 परिषदीय प्राथमिक स्कूल प्रदेश में हैं
- 46331 उच्च प्राथमिक विद्यालय
- 133598 कुल बेसिक स्कूल प्रदेश में हैं
- प्राथमिक स्तर के वित्तपोषित विद्यालय प्रदेश में 551
- जूनियर स्तर के वित्त पोषित स्कूलों की संख्या 7682
- कुल वित्तपोषित स्कूल प्रदेश में 8233
- राजकीय स्कूल 608 इनमें प्राथमिक सतर के 21 उच्च प्राथमिक 587
- प्रदेश में मिड डे मील योजना वाले मदरसा 550, इनमें प्राथमिक स्तर के 67 उच्च प्राथमिक स्तर के 483
- प्रदेश में 78 विशेष विद्यालय जिनमें श्रमिक बच्चे पढ़ाते हैं
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सभी को नोटिस भेजकर पूछेंगे जवाब
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को नोटिस भेजकर पूछा जाएगा किन परिस्थितियों में नए प्रवेश नहीं हुए। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पंजीयन बढ़ाने चल रही तमाम योजनाएं बेसिक स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने व उन्हें लाभांवित करने के लिए कई योजनाएं संचालित हैं। इन योजनाओं में स्कूल चलो अभियान, मिड डे मील योजना, डीबीटी योजना, कायाकल्प योजना, ड्राप आउट बच्चों को दोबारा विद्यालय में लाने के लिए शारदा योजना, शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष केंद्र व शिक्षा संबंधी योजनाएं हैं।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के साथ प्रोत्साहन व पुरस्कार योजनाएं भी हैं। स्वदेश दर्शन -थीम आधारित परिपथों के एकीकृत विकास आदि पर कार्य हो रहा है। इसके बाद भी विद्यार्थियों का रुझान न बढ़ना आश्चर्यजनक है।