PCS (प्री) के लिए 10 किलोमीटर की सीमा के पार भी बनेंगे केंद्र, छात्रों को मिलेगी थोड़ी सहूलियत
यूपीपीएससी ने पीसीएस प्रीलिम्स परीक्षा एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। इसके लिए परीक्षा केंद्रों के लिए मुख्यालय से 10 किलोमीटर की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। अब परीक्षा केंद्र 10 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित कॉलेजों में भी बनाए जा सकेंगे। इससे आयोग को एक ही दिन में परीक्षा आयोजित करने में सुविधा होगी।
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे परीक्षा के आयोजन की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बार पीसीएस को विशिष्ट परीक्षा मानते हुए सरकार ने एक अहम निर्णय के तहत परीक्षा केंद्रों के लिए मुख्यालय से 10 किलोमीटर की बाध्यता को समाप्त करते हुए थोड़ी सहूलियत दी है।
अब परीक्षा केंद्र 10 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित कालेजों में भी बनाए जा सकेंगे, जिससे एक ही दिन में परीक्षा आयोजित करने में आयोग को बड़ी राहत मिलेगी। पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद उप्र सरकार ने परीक्षा अध्यादेश जारी किया था।
इसमें परीक्षा केंद्रों को बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और कोषागार से अधिकतम 10 किलोमीटर की परिधि में स्थापित करने का निर्देश था। इस बाध्यता की वजह से आयोग को मानकों के अनुसार पर्याप्त केंद्र नहीं मिल पा रहे थे। छात्रों के दो दिवसीय परीक्षा के विरोध के बाद आयोग ने एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय लिया और इसके साथ ही प्रमुख सचिव एम. देवराज की ओर से जारी आदेश में इस सीमा में थोड़ा विस्तार की सहूलियत दे दी गई है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर धरना दे रहे प्रतियोगी छात्रों को बलपूर्वक हटाती पुलिस। वीडियो ग्रैब
इसे भी पढ़ें-बिना वीजा के भारत से नेपाल जाने के प्रयास में ईरानी नागरिक गिरफ्तार, पूछताछ में बताई ऐसी बात, सुनकर अधिकारियों के उड़े होश
अब आयोग मुख्य मार्गों पर स्थित उन संस्थानों में भी परीक्षा केंद्र बना सकेगा, जो मुख्यालय से 10 किलोमीटर से अधिक दूरी पर भी होंगे। यह राहत केवल पीसीएस जैसी प्रमुख परीक्षा के लिए दी गई है। इससे आयोग को केंद्रों की कमी से जूझने की स्थिति से मुक्ति मिलेगी और एक ही दिन में परीक्षा कराने की संभावना बढ़ जाएगी।एक दिवसीय परीक्षा के लिए 1,758 केंद्रों की होगी आवश्यकता
आयोग के अनुसार, इस वर्ष पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए लगभग 1,758 केंद्रों की आवश्यकता है। पहले आयोग ने 41 जिलों में दो दिन में परीक्षा आयोजित करने के लिए 978 केंद्रों की व्यवस्था की थी, लेकिन एक दिवसीय परीक्षा के लिए इस संख्या में और वृद्धि करना आवश्यक है।लड़कियां भी फूंकती रहीं आंदोलन में जान। जागरण
दिसंबर में परीक्षा आयोजित कर नए सत्र को शून्य होने से बचाना आयोग के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती है। आयोग ने सात और आठ दिसंबर की तारीखों के लिए पहले से तैयारी कर रखी है। संभावना जताई जा रही है कि इन दोनों में से किसी एक दिन को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए चुना जा सकता है।पीसीएस में खत्म हुआ नार्मलाइजेशन विवादउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में पुरानी एक दिवसीय परीक्षा व्यवस्था बहाल होने के साथ ही नार्मलाइजेशन को लेकर जारी विवाद भी खत्म हो गया है। एक दिन एक शिफ्ट में परीक्षा होने के कारण पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए आवेदन करने वाले 5.76 लाख अभ्यर्थी एक साथ परीक्षा में शामिल होंगे। प्रयागराज। उप्र लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी युवा अब भी जमा हैं। उनका कहना है कि आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा भी एक दिन की घोषणा जब तक नहीं होगी वह नहीं हटेंगे। अपनी एकजुटता का प्रदर्शन उन्होंने मोबाइल की टार्च जला कर किया।-मुकेश कनौजिया
इसे भी पढ़ें-प्रतियोगी छात्रों ने तोड़ा पुलिस बैरिकेड, UPPSC आयोग तक पहुंचे प्रदर्शनकारी; तस्वीरें हालांकि समीक्षा अधिकारी (आरओ) /सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की एक दिवसीय परीक्षा पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में अब परीक्षा का प्रारुप तय होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि आयोग इसको भी वन डे-वन शिफ्ट की पुरानी व्यवस्था के तहत कराता है या दो दिवसीय परीक्षा व्यवस्था लागू रहती है। यह समिति द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर तय होगा।आरओ-एआरओ परीक्षा आयोग के सामने बड़ी चुनौती आरओ-एआरओ में लगभग 10.70 लाख अभ्यर्थियों पंजीकृत है। इनकी एक दिवस में परीक्षा आयोजित करना आयोग के लिए तकनीकी और प्रशासनिक दोनों दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। आयोग का कहना है कि इस बार मात्र 978 केंद्र ही मानकों पर खरे उतरे, जबकि पिछली परीक्षा में 2300 केंद्र बनाए गए थे। अभी तक परीक्षा का प्रारूप ही नहीं तय हुआ। ऐसे में दिसंबर में परीक्षा का आयोजन आयोग के लिए संभव नहीं होगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।दिसंबर में परीक्षा आयोजित कर नए सत्र को शून्य होने से बचाना आयोग के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती है। आयोग ने सात और आठ दिसंबर की तारीखों के लिए पहले से तैयारी कर रखी है। संभावना जताई जा रही है कि इन दोनों में से किसी एक दिन को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए चुना जा सकता है।पीसीएस में खत्म हुआ नार्मलाइजेशन विवादउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में पुरानी एक दिवसीय परीक्षा व्यवस्था बहाल होने के साथ ही नार्मलाइजेशन को लेकर जारी विवाद भी खत्म हो गया है। एक दिन एक शिफ्ट में परीक्षा होने के कारण पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए आवेदन करने वाले 5.76 लाख अभ्यर्थी एक साथ परीक्षा में शामिल होंगे। प्रयागराज। उप्र लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी युवा अब भी जमा हैं। उनका कहना है कि आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा भी एक दिन की घोषणा जब तक नहीं होगी वह नहीं हटेंगे। अपनी एकजुटता का प्रदर्शन उन्होंने मोबाइल की टार्च जला कर किया।-मुकेश कनौजिया
इसे भी पढ़ें-प्रतियोगी छात्रों ने तोड़ा पुलिस बैरिकेड, UPPSC आयोग तक पहुंचे प्रदर्शनकारी; तस्वीरें हालांकि समीक्षा अधिकारी (आरओ) /सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की एक दिवसीय परीक्षा पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में अब परीक्षा का प्रारुप तय होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि आयोग इसको भी वन डे-वन शिफ्ट की पुरानी व्यवस्था के तहत कराता है या दो दिवसीय परीक्षा व्यवस्था लागू रहती है। यह समिति द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर तय होगा।आरओ-एआरओ परीक्षा आयोग के सामने बड़ी चुनौती आरओ-एआरओ में लगभग 10.70 लाख अभ्यर्थियों पंजीकृत है। इनकी एक दिवस में परीक्षा आयोजित करना आयोग के लिए तकनीकी और प्रशासनिक दोनों दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। आयोग का कहना है कि इस बार मात्र 978 केंद्र ही मानकों पर खरे उतरे, जबकि पिछली परीक्षा में 2300 केंद्र बनाए गए थे। अभी तक परीक्षा का प्रारूप ही नहीं तय हुआ। ऐसे में दिसंबर में परीक्षा का आयोजन आयोग के लिए संभव नहीं होगा।