UPPCS की दो दिनी परीक्षाओं पर संकट, PCS, RO-ARO परीक्षा हो सकती है स्थगित
यूपीपीएससी की दो दिवसीय पीसीएस-2024 (प्रारंभिक) और आरओ/एआरओ-2023 (प्रारंभिक) परीक्षाओं पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के अनुसार चयन और भर्ती प्रक्रिया के नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। आयोग को या तो एक दिवसीय परीक्षा के लिए नए सिरे से व्यवस्था करनी होगी या सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करना होगा।
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। भर्ती परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के निर्णय के बाद उप्र लोक सेवा आयोग की दो दिवसीय पीसीएस-2024 (प्री) और आरओ/एआरओ-2023 (प्री) परीक्षा पर संकट मंडराने लगा है।
कोर्ट ने निर्णय दिया है कि चयन और भर्ती प्रक्रिया के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते। आयोग दो दिवसीय परीक्षा पर कायम रहता है, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा। यदि निर्णय का पालन करता है तो उसे एक दिनी परीक्षा के लिए नए सिरे से व्यवस्था बनानी होगी। दोनों ही परिस्थितियों में दिसंबर में प्रस्तावित दोनों परीक्षाओं पर संकट है।
आयोग ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवलोकन कर रहा है। यूपीपीएससी का दो दिवसीय परीक्षा कराना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत हो सकता है, क्योंकि आयोग ने भर्ती अधिसूचना के तहत 11 फरवरी को आरओ/एआरओ-2023 (प्री) परीक्षा का आयोजन एक दिन में किया था और पेपर लीक कांड के बाद परीक्षा निरस्त हुई तो 22-23 दिसंबर को प्रस्तावित पुनर्परीक्षा के लिए परीक्षा योजना बदल दी।
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पीसीएस प्री का एक दिवसीय प्रारूप भी बदलकर यह सात और आठ दिसंबर को प्रस्तावित कर दी गई। दो दिवसीय परीक्षा व नार्मलाइजेशन व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने कहा, आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियमों में बदलाव किए गए। आरओ/एआरओ परीक्षा में सिंगल मार्किंग लिखी है।
पेपर-1 और पेपर-2 के तहत परीक्षा हुई व अब पुनर्परीक्षा से पूर्व दोनों पेपर को समाहित कर दिया गया। पुराना पैटर्न बदलकर नार्मलाइजेशन का निर्णय ले लिया। परीक्षा प्रक्रिया को ही बदल दिया गया।इसे भी पढ़ें-IIT में प्रवेश छोड़ने वालों के लिए बुरी खबर, नहीं दे सकेंगे जेईई एडवांस्ड
प्रतियोगी छात्र आशुतोष पाण्डेय का कहना है कि 11 नवंबर को आयोग के बाहर प्रदर्शन करेंगे। आयोग दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय वापस नहीं लेता है तो न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। इसमें सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ के महत्वपूर्ण निर्णय को आधार बनाया जाएगा।उधर, आयोग के सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अवलोकन किया जा रहा है। इसके प्रभाव के आधार पर आयोग किसी निष्कर्ष तक पहुंचेगा। केंद्र न मिलने के कारण केवल विशेष परिस्थिति में दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय लिया गया है।
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