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UPPSC 2024: छात्रों के विरोध के बाद सामने आया यूपी लोक सेवा आयोग, नॉर्मलाइजेशन को लेकर किया बड़ा एलान

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन को लेकर अभ्यर्थियों के असंतोष पर अपना रुख स्पष्ट किया है। आयोग ने कहा है कि पीसीएस-प्री परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा निर्धारित तिथियों पर ही आयोजित की जाएंगी। आयोग ने अभ्यर्थियों से आग्रह किया है कि वे भ्रामक जानकारी से बचें और अपनी तैयारी पर ध्यान दें। आयोग ने अभ्यर्थियों काे सतर्क रहने की सलाह भी है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 11 Nov 2024 11:54 PM (IST)
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अभ्यर्थियों के असंतोष पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। यूपीपीएससी की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन को लेकर अभ्यर्थियों के एक वर्ग द्वारा जताए जा रहे असंतोष पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। 

आयोग के अनुसार, पीसीएस-प्री (प्रारंभिक) परीक्षा शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही निर्धारित तिथि सात और आठ दिसंबर को और आरओ-एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को होगी। 

गलत सूचनाओं से बचें और तैयारी पर ध्यान दें

आयोग के सचिव अशोक कुमार ने प्रतियोगी छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कुछ अवैध कोचिंग संस्थानों, नकल माफिया और अराजक तत्वों द्वारा छात्रों को भ्रामक जानकारी देकर भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे ऐसी गलत सूचनाओं से बचें और अपनी तैयारी पर ध्यान दें।

परीक्षा की शुचिता और छात्रों के भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इसे केवल उन परीक्षा केंद्रों पर कराया जाएगा, जहां किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना नहीं है। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने की महत्ता के दृष्टिगत अभ्यर्थियों के आग्रह पर ही पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा दो दिवस में कराने का निर्णय लिया गया है।

शासनादेश के अनुसार, पांच लाख से अधिक अभ्यर्थियों वाली परीक्षा के लिए एक से अधिक पालियों में परीक्षा कराने का निर्देश है, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में 5,76,154 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। 

इसके सापेक्ष 1758 केंद्र की जरूरत है पर 75 जिलो में मानक के अनुसार 978 केंद्र ही मिले। इसलिए परीक्षा दो दिवसों में करानी पड़ी। वहीं 10,76,004 लाख अभ्यर्थियों के लिए 22 व 23 दिसंबर को तीन पालियों में परीक्षा होगी।

विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति ने तैयार किया फॉर्मूला

नॉर्मलाइजेशन पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद की अध्यक्षता में लब्ध प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति ने नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला तैयार किया है। यह कंप्यूटर आधारित है और इसमें फूलप्रूफ है।

वहीं, आयोग की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन को लेकर अभ्यर्थियों के एक वर्ग द्वारा जताए जा रहे असंतोष पर आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि आयोग की परीक्षाओं की शुचिता एवं छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केन्द्रों पर कराई जा रही है, जहाँ किसी प्रकार की कोई गड़बड़ियों की कोई सम्भावना नहीं है।

नॉर्मलाइजेशन को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम

आयोग के एक प्रवक्ता ने बताया कि परीक्षाओं के संबंध में अभ्यर्थियों ने आयोग को पत्र भेजकर बताया है कि कुछ टेलीग्राम चैनलों एवं यू ट्यूबर्स द्वारा परीक्षा को टलवाने की साजिश की जा रही है। 

ये चैनल परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन को लेकर भ्रम फैला रहे हैं और उम्मीदवारों को गुमराह कर रहे हैं। अनेक अभ्यर्थी जिनके लिए यह परीक्षा और समय दोनों ही बहुत अधिक महत्वपूर्ण है, आयोग के इस निर्णय का समर्थन करते हैं। 

एक्स पर लगातार ट्रेंड करता रहा ‘लोक सेवा आयोग’

अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हजारों छात्र-छात्राओं का मामला सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर भी छाया रहा। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर लोक सेवा आयोग लगातार ट्रेंड करता रहा। छात्र एकता, लोक सेवा आयोग और यूपीएससी नो नॉर्मलाइजेशन हैशटैग के साथ हजारों विद्यार्थियों ने वीडियो, फोटो और संदेश पोस्ट किए। 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बलिदानी चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह का लेकर भी तमाम छात्र-छात्राओं ने पोस्ट किया। दोपहर से लेकर देर रात तक इंटरनेट मीडिया पर पूरा मामला काफी गरम रहा। लोक सेवा आयोग के हैशटैग पर करीब 10 हजार, छात्र एकता पर 14 हजार और यूपीएससी नो नॉर्मलाइजेशन पर 17 हजार से अधिक पोस्ट हुए।

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