'राम' का अभिनय करने वाले नारायण दत्त पर बरसी रामलला की कृपा! UPPSC PCS परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल कर बने DSP
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) 2023 का अंतिम परिणाम मंगलवार को देर शाम घोषित किया। इसमें प्रयागराज के बहरिया के खेवराजपुर गांव निवासी कंप्यूटर साइंस में बीटेक की उपाधि हासिल करने वाले नारायण दत्त मिश्र ने सफलता हासिल की है। नारायण दत्त का चयन डीएसपी पद पर होने से गांव और क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
संवाद सूत्र, बहरिया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) 2023 का अंतिम परिणाम मंगलवार को देर शाम घोषित किया। इसमें प्रयागराज के बहरिया के खेवराजपुर गांव निवासी कंप्यूटर साइंस में बीटेक की उपाधि हासिल करने वाले नारायण दत्त मिश्र ने सफलता हासिल की है। नारायण दत्त का चयन डीएसपी पद पर होने से गांव और क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
नारायण दत्त मिश्र कंप्यूटर साइंस में बीटेक की उपाधि उपाय हासिल करने के बाद आईटी सेक्टर में 10 वर्ष से काम कर रहे हैं। वे कक्षा 8 से कक्षा 12 तक खेवराजपुर में होने वाले रामलीला में राम का अभिनय कर चुके हैं। नारायण दत्त के पिता कर्मकांडी पंडित और किसान हैं। दो भाई, एक बहन में दूसरे नंबर पर नारायण दत्त मिश्र इस उपलब्धि का श्रेय प्रभु श्रीराम और अपने माता-पिता को देते हैं। डीएसपी पद पर चयनित होने वाले नारायण दत्त मिश्र ने नौवीं रैंक हासिल की है।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़। सदर के भंगवा गांव के रहने वाले अंकित तिवारी ने यूपी में 19वी रैंक पाकर जिले का मान बढ़ाया। वहीं, गोबरी अंतू के बसंत सिंह का चयन डिप्टी एसपी पद पर हुआ है। पूरे ईश्वरनाथ निवासी सूर्य नारायण मिश्र की पुत्री महिमा मिश्रा ने यूपीपीसीएस में सफलता हासिल कर सबरजिस्ट्रार बनी हैं। मेधावियों की सफलता पर उनके घर बधाई देने वालो का तांता लगा है।
अंकित के पिता किसान है और मां शिक्षिका हैं। लखनऊ में आयकर अधिकारी के रूप में कार्यरत अंकित के एसडीएम बनने पर परिवार के लोगों के साथ ही जिले में खुशी का माहौल है। भंगवा गांव के किसान बद्री विशाल तिवारी की पत्नी अनामिका प्राइमरी शिक्षक हैं। उनके दो बेटों और एक बेटी में बड़े अंकित तिवारी 2012 में आयकर अधिकारी बने थे। अंकित की पत्नी आकांक्षा भी 2017 में कामर्शियल टैक्स अफसर (सीटीओ) बनीं और उन्हें भी लखनऊ में तैनाती मिली है। नौकरी के साथ ही अंकित अपना प्रयास जारी रखा।
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नौकरी संग मुश्किल थी तैयारी
तीन भाई-बहन में सबसे बड़े अंकित के आयकर अधिकारी बनने के बाद नौकरी के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी काफी मुश्किल थी। इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जागरण से अंकित बताते हैं कि सिविल सर्विसेज में सफलता नहीं मिली, लेकिन यूपीपीसीएस में बेहतर रैंक पाना उन्होंने मकसद बना लिया था। नौकरी के साथ तैयारी में मुश्किल आने पर उन्होंने तो तीन साल प्रतियोगी परीक्षाओं से खुद को दूर रखा। उन्होंने छठवें प्रयास में 19 वीं रैंक हासिल की। अंकित कहते हैं कि सिर्फ दो शब्द मेहनत और विश्वास बरकरार है तो सफलता हर हाल में मिलेगी।
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