UPPSC PCS Exam: PCS-Pre के लिए इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों में भी बनेंगे केंद्र, 22 दिसंबर तय किया गया डेट
पीसीएस-2024 प्री परीक्षा 22 दिसंबर को आयोजित होगी। परीक्षा केंद्रों की कमी को पूरा करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में भी केंद्र बनाए जाएंगे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय मेडिकल कॉलेज एमएनएनआईटी आईआईआईटी आईईआरटी इवि के संघटक कॉलेज राज्य विश्वविद्यालय के शहर में स्थित संबद्ध कॉलेज मेडिकल कॉलेज सहित 26 संस्थानों से केंद्र के संबंध में सहमति मांगी गई है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। छात्र आंदोलन के बाद पीसीएस-2024 प्रारंभिक परीक्षा 22 दिसंबर को एक दिवस में कराने का निर्णय लेने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पहली बार उच्च शिक्षण संस्थानों में भी केंद्र बनाने जा रहा है। सख्त नियमों के कारण मानक पर केंद्र नहीं मिलने से आयोग ने केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालयों के अलावा तकनीकी संस्थान, मेडिकल कालेज व वित्त पोषित डिग्री कालेजों को भी केंद्र बनाने के लिए जिलाधिकारियों को बदली गाइडलाइन भेजकर केंद्रों की सहमति मांगी है।
पत्र से स्पष्ट है कि आयोग प्रदेश के सभी 75 जिलों में परीक्षा का आयोजन कर सकता है। परीक्षा अध्यादेश के तहत परीक्षा केंद्रों का चयन दो श्रेणियों में करने के निर्देश हैं। श्रेणी-ए में राजकीय माध्यमिक विद्यालय, राजकीय डिग्री कॉलेज, राज्य व केंद्र के विश्वविद्यालय, पालीटेक्निक, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज और राजकीय मेडिकल कालेज शामिल हैं। वहीं, श्रेणी बी में ख्यातिप्राप्त वित्तपोषित शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं।
आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में पंजीकृत 5,76,154 परीक्षार्थियों की परीक्षा एक दिन में कराने के लिए 1,758 केंद्रों की आवश्यकता मानी है। हालांकि पूर्व में सभी 75 जिलों में तमाम प्रयासों के बाद भी मात्र 9,78 केंद्रों की ही सहमति मिली थी। ऐसे में आयोग को दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय लेना पड़ा था। बाद में छात्रों के भारी विरोध के बाद एक दिवस में 22 दिसंबर को परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया।
अब केंद्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को भी केंद्र बनाने के लिए संस्थानों से जिलाधिकारियों के माध्यम से सहमति ली जा रही है। 10 किलोमीटर की बाध्यता खत्म होने के बाद आयोग मुख्य मार्ग पर स्थित ए व बी श्रेणी वाले संस्थान भी केंद्र बन सकेंगे। शहर में परीक्षा केंद्रों की कमी से भी निपटा जा सकेगा। जिन संस्थानों की क्षमता 1000 से अधिक है, उन्हें दो ब्लाकों (ब्लाक-ए और ब्लाक-बी) में विभाजित कर प्रत्येक ब्लाक का अलग केंद्र व्यवस्थापक बनाया जाएगा। सीसीटीवी की पर्याप्त व्यवस्था होगी। जिलाधिकारी के नेतृत्व में गठित समिति केंद्रों का चयन सुनिश्चित करेगी।
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