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UPPSC Protest: प्रयागराज में तीन उपद्रवियों को भेजा जेल, आठ कोचिंग संचालकों को नोटिस

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच तीन उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जिला जेल भेज दिया गया। छात्र यूपीपीएससी द्वारा पीसीएस-2024 और आरओ/एआरओ-2023 प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के निर्णय के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने आठ कोचिंग संचालकों को नोटिस जारी किया है। छात्रों और पुलिस के बीच हंगामा हुआ।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 13 Nov 2024 10:30 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के गेट पर प्रदर्शन में प्रतियोगी छात्रो के साथ शामिल छात्राएं। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। यूपी पीसीएस-2024 व आरओ/एआरओ-2023 प्रारंभिक परीक्षा को दो दिवस में कराने और नॉर्मलाइजेशन पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर धरना-प्रदर्शन करे रहे छात्रों के बीच घुसकर तोड़फोड़ करने और शांति व्यवस्था भंग करने में तीन उपद्रवियों को गिरफ्तार कर बुधवार को जिला जेल भेज दिया गया। 

साथ ही प्रदर्शनकारियों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सहयोग कर रहे आठ कोचिंग संचालकों को अग्निशमन विभाग और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की ओर से नोटिस जारी किया गया। 

वहीं, तीसरे दिन भी प्रदर्शन पर अड़े छात्रों को लोक सेवा आयोग तक पहुंचने से रोकने और उनके पते व मोबाइल नंबर नोट करने को लेकर प्रतियोगी छात्र बुधवार को पुलिस से भिड़ गए। देर तक हंगामा चलता रहा। 

प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी

यूपीपीएससी द्वारा पीसीएस-2024 और आरओ/एआरओ-2023 प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के निर्णय के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है। सिविल लाइंस पुलिस ने लोक सेवा आयोग चौकी प्रभारी कृष्ण मुरारी की तहरीर पर अभिषेक शुक्ला, राघवेंद्र यादव व 10 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। 

इन पर मंगलवार को धरना-प्रदर्शन के दौरान नगर निगम की ओर से लगवाई गई होर्डिंग और पुलिस के मोबाइल बैरियर में तोड़फोड़ के साथ ही सरकारी कार्य में बाधा डालने और शांतिपूर्वक धरना दे रहे विद्यार्थियों को हिंसक होने के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप है। 

आरोपी राघवेंद्र यादव पर 18 मुकदमे दर्ज

एफआईआर के बाद बुधवार को सिविल लाइंस पुलिस ने घेराबंदी करके दोनों नामजद आरोपियों को दबोच लिया। शाम को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। आरोपी राघवेंद्र यादव समाजवादी छात्रसभा और समाजवादी लोहिया वाहिनी का पदाधिकारी है, जिसके खिलाफ 18 मुकदमे दर्ज हैं। 

शांति व्यवस्था भंग करने में कैंट पुलिस ने मंगलवार को शशांक दुबे सहित 10 युवकों को पकड़ा था। इसमें शशांक दुबे को जेल भेजने की कार्रवाई की गई। नौ अन्य युवकों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। 

डीसीपी अभिषेक भारती ने बताया कि आपराधिक प्रवृत्ति के युवकों को चिन्हित किया जा रहा है। शांति-व्यवस्था में बाधा डालने वालों के विरुद्ध भी विधिक कार्रवाई की जाएगी। 

छात्रों का जमावड़ा लगने पर हंगामा

उधर, आयोग के गेट पर बुधवार को भी छात्रों का जमावड़ा लग गया। स्थिति उस समय बिगड़ गई, जब गेट नंबर दो के सामने टीबी सप्रू रोड स्थित बैरिकेडिंग पर पुलिसकर्मियों ने छात्रों की आईडी मांगते हुए नाम-पते और मोबाइल नंबर नोट करने शुरू कर दिए। 

जानकारी होने पर सैकड़ों प्रतियोगी छात्र प्रदर्शन स्थल से चौराहे की ओर दौड़ पड़े। दोनों पक्षों में जमकर नोकझोंक शुरू हो गई। पुलिस ने कहा कि अवांछित तत्वों का प्रवेश रोकने के लिए पहचान मांगी जा रही थी, इस पर प्रतियोगी छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई, हाथापाई की नौबत आ गई। हालांकि बीच बचाव कर आक्रोशित छात्रों को शांत किया गया। 

निकाला कैंडिल मार्च, सड़क पर अध्यक्ष की तस्वीर

प्रतियोगी छात्रों ने आंदोलन को धार देते हुए बुधवार शाम कैंडल मार्च निकाल कर विरोध जताया। पूरे मामले में छात्रों से नहीं मिलने आए आयोग अध्यक्ष संजय श्रीनेत के चेहरे की पेंटिंग सड़क पर बना दी।

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