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UPPSC छात्र आंदोलन खत्‍म, 106 घंटे के बाद छात्रों के कब्जे से मुक्त हुआ आयोग, देखें तस्‍वीरें

छात्र एक दिवसीय परीक्षा की मांग करते हुए नार्मलाइजेशन को रद करने के लिए मांग पर अड़े रहे। इस दौरान प्रतियोगी छात्रों ने दो बार बैरीकेडिंग तोड़ी। पहला जब वह सोमवार को प्रदर्शनके लिए पहुंचे और फिर गुरुवार को पुलिस द्वारा छात्रों को जबरन उठाए जाने के बाद दूसरी बार बैरीकेडिंग तोड़कर आयोग को फिर से कब्जे में ले लिया।

By mritunjay mishra Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 16 Nov 2024 01:36 PM (IST)
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लोक सेवा आयोग की गेट पर तैनात पुलिस बल। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा वन डे-वन शिफ्ट में कराने की मांग को लेकर सोमवार से शुरू हुआ छात्र आंदोलन शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे खत्म हो गया। आयोग के सामने धरना दे रहे करीब 10 छात्रों को पुलिस द्वारा उठाए जाने के साथ ही 106 घंटे तक प्रतियोगी छात्रों के कब्जे में रहा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भी आजाद हो गया।

हालांकि गुरुवार शाम चार बजे आयोग द्वारा पूर्व की भांति एक दिवस में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का निर्णय लेने के बाद से ही प्रतियोगी छात्रों का आक्रोश कम हो गया था पर आरओ-एआरओ की परीक्षा भी एक दिन में कराने की मांग को लेकर आंदोलन जारी था, पर शुक्रवार रात यह पूरी तरह से खत्म हो गया।

पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 को एक दिवस में कराने की घोषणा और आरओ/एआरओ को स्थगित कर समिति के साथ ही आंदोलन का भविष्य तय हो गया था। आरओ/एआरओ परीक्षा कराने की मांग पर ठोस निर्णय नहीं होने से निराश प्रतियोगी आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे।

लोक सेवा आयोग पर धरने पर बैठे प्रतियोगी छात्र। जागरण


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सुबह से ही प्रतियोगी की संख्या कम होने लगी और आयोग द्वारा पीसीएस-प्री 22 दिसंबर को दो सत्रों में कराने की घोषणा होते ही आंदोलन स्थल से प्रतियोगी छात्र की बची भीड़ भी निकल गई। चंद आंदोलनकारी शाम एक दिवसीय आरओ/एआरओ परीक्षा की आवाज बुलंद किए थे पर रात साढ़े आठ बचे पुलिस ने बचे हुए छात्रों को हटा दिया।इसके साथ ही प्रदर्शन खत्म हो गया।

गुरुवार शाम चार बजे आयोग द्वारा पीसीएस की एक दिवसीय परीक्षा पर निर्णय देने से लेकर शुक्रवार शाम साढ़े आठ बजे प्रदर्शन खत्म होने के बीच 29 घंटे का समय छोड़ दें तो आयोग के अधिकारी-कर्मचारी इस अवधि में बंधक बने रहे। प्रतियोगियों ने आयोग के सभी छह द्वारों पर कब्जा कर रखा था। यहा तक कि कर्मचारी छात्रों से छुपते-छुपाते दीवार फांदकर निकलते और छात्रों की नजर उनपर पड़ जाती तो नारेबाजी शुरू हो जाती। गेट नंबर दो पर तो छात्रों का कब्जा रहा। अन्य गेटों पर बैरीकेडिंग कर पुलिस तैनात की गई थी।

लोक सेवा आयोग पर प्रदर्शन करते प्रतियोगी छात्र।-जागरण


डीएम, कमिश्नर को आना पड़ा सात बार

केवल आयोग ही नहीं पुलिस-प्रशासन भी परेशान रहा।सड़क पर यातायात रोकने से आम आदमियों को भी परेशानी उठानी पड़ी। आसपास के लोगों के लिए भी आंदोलन मुश्किलों से भरा रहा। डीएम-पुलिस आयुक्त और कमिश्नर को बार-बार छात्रों के बीच आकर समझाना पड़ रहा था।

छात्र एक दिवसीय परीक्षा की मांग करते हुए नार्मलाइजेशन को रद करने के लिए मांग पर अड़े रहे।इस दौरान प्रतियोगी छात्रों ने दो बार बैरीकेडिंग तोड़ी। पहला जब वह सोमवार को प्रदर्शनके लिए पहुंचे और फिर गुरुवार को पुलिस द्वारा छात्रों को जबरन उठाए जाने के बाद दूसरी बार बैरीकेडिंग तोड़कर आयोग को फिर से कब्जे में ले लिया।

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आंदोलन के दौरान छात्र दिन-रात जागे। रात में भी आयोग पर एक हजार से अधिक छात्र डटे रहे।हालांकि इस आंदोलन में सबसे विशेष बात यह रही कि प्रतियोगी छात्रों ने किसी तरह का उपद्रव नहीं किया और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन जारी रखा।

लोक सेवा आयोग के गेट पर तैनात पुलिस।-जागरण


पीसीएस प्री की तिथि घोषित होते चले गए छात्र

शुक्रवार को 22 दिसंबर की नई तिथि घोषित होने के बाद आंदोलन का बड़ा हिस्सा खत्म हो गया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता पंकज पांडेय ने शुक्रवार दोपहर बाद आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, हमारी मुख्य मांग पूरी हो गई है।

आयोग ने एक दिवसीय परीक्षा का फैसला लिया है, आरओ-एआरओ पर समिति के निर्णय के बाद आंदोलन के संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा। ऐसे में अब आंदोलन समाप्त कर दिया जाना चाहिए।" इस दौरान आंदोलन में शामिल दूसरे गुट आंदोलन पर अड़ा रहा। हालांकि रात को पुलिस ने उनको हटाकर 106 घंटे के बाद आयोग को मुक्त कराया।

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