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Prayagraj News: अधिनियम में संशोधन करेगा यूपीपीएससी, भर्ती परीक्षा के लिए बनी नई एसओपी

शासन की ओर से भर्ती परीक्षाओं में पेपर प्रिंटिंग से लेकर अन्य कार्यों के लिए एजेंसी की भूमिका तय करते हुए प्रश्नपत्र केंद्र निर्धारण केंद्रों पर सुरक्षा सीसीटीवी कैमरे से निगरानी कक्ष निरीक्षक की विश्वसनीयता सहित कई बिंदुओं पर सभी भर्ती आयोगों और चयन बोर्ड को दिशा निर्देश जारी किए गए थे। आयोग ने शासनादेश के तहत नया स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसीजर (एसओपी) भी तैयार कर लिया।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 05 Jul 2024 12:12 PM (IST)
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परीक्षा से लेकर परिणाम जारी करने तक पूरी प्रक्रिया त्रुटिरहित हो जाएगी।

मृत्युंजय मिश्र, जागरण प्रयागराज। कई बड़ी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने भर्ती प्रक्रिया में अहम बदलाव की तैयारी कर ली है। शासन की ओर से भर्ती परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता को लेकर जारी दिशा-निर्देशों को शत-प्रतिशत लागू करने के लिए आयोग अपने अधिनियम में संशोधन करने जा रहा है।

इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई और अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित कर लिया गया है। संशोधन के बाद आयोग की भर्ती परीक्षाओं के आयोजन के नियम बेहद सख्त और जवाबदेही से भरे होंगे और परीक्षा से लेकर परिणाम जारी करने तक पूरी प्रक्रिया त्रुटिरहित हो जाएगी।

अब आयोग शासनादेश और एसओपी के अनुसार आगामी भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करेगा। पेपर सेट करने की प्रक्रिया, उनकी छपाई, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था, परीक्षा के बाद ओएमआर आयोग तक पहुंचाने, इसकी स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने, अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियों के उपयोग को लेकर नई एसओपी तैयार की गई है।

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हालांकि इसमें कई ऐसे दिशा-निर्देश हैं, जिनको लागू करने के लिए आयोग को अपने अधिनियम में संशोधन करना होगा। इसके अलावा जिनमें संशोधन की जरूरत नहीं है, उन निर्देशों को लागू कर दिया गया है और शेष को अधिनयिम में संशोधन के बाद लागू किया जाएगा।

इसके अलावा शासन ने अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसी के चयन करने के निर्देश दिए हैं, साथ प्रश्नपत्रों के कई सेट अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस से तैयार किए जाने हैं। ऐसी ही कई व्यवस्थाएं होनी हैं, जिनके लिए अधिनियम में बदलाव किया जा सकता है।

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प्रश्न पुस्तिका में सीरीज की जगह बार कोड व्यवस्था लागू

आयोग ने साल्वर गैंग/पेपर लीक कराने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए प्रश्नपत्र के स्वरूप में भी बड़ा बदलाव किया है। भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र में अब सीरीज की व्यवस्था को खत्म कर बारकोड व्यवस्था लागू कर दी है। इस व्यवस्था के तहत हर उत्तर पुस्तिका में प्रश्नों की नंबरिंग अलग-अलग होगी। यानी कोई प्रश्न आठवें नंबर पर होगा तो दूसरी बार-कोड उत्तर पुस्तिका में यह दसवें नंबर पर हो सकता है।

आयोग ने बार कोड प्रश्न पुस्तिका का प्रयोग पहली बार सहायक नगर नियोजक (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 में किया। गुरुवार को आयोग ने उत्तरों का मिलान करने के लिए बार-कोड आधारित प्रश्न पुस्तिका स्कैन कर जारी कर दी है।

परीक्षा का आयोजन 30 जून को हुआ था। इस परीक्षा से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रकार के सामान्य अध्ययन व नगर एवं ग्राम नियोजन विषय से संबंधित प्रश्नपत्र स्कैन कर प्रश्नों एवं उनके उत्तर आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं।

आयोग के परीक्षा नियंत्रक हर्ष देव पांडेय के अनुसार प्रश्नपत्र पर सीरीज का अंकन न होने के कारण प्रश्नपत्र के नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर को हाइलाइट व अंडरलाइन (आयताकार खाने में) कर दिया गया है। अभ्यर्थी आयोग द्वारा जारी बार-कोड प्रश्न पुस्तिका में सही उत्तर को हाइलाइट व अंडरलाइन किया गया है। इसके आधार पर अभ्यर्थी अपनी प्रश्न-पुस्तिका से अपने उत्तरों का मिलान कर सकेंगे।

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