UPSC Exam Result: पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी, जल्द होगा साक्षात्कार
यूपीपीएससी ने पीसीएस-जे 2022 के 303 पदों पर भर्ती निकाली थी और पिछले वर्ष 30 अगस्त को 302 पदों पर अंतिम चयन परिणाम जारी किया था। इस दौरान मुख्य परीक्षा में अपने नंबरों से असंतुष्ट अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने आरटीआइ डाली तो उत्तर पुस्तिकाओं में अदला-बदली जैसी गंभीर चूक सामने आई थी। मुख्य परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी होने के बाद अब अभ्यर्थियों की नजर साक्षात्कार पर टिक गई है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस-जे 2022 की मुख्य परीक्षा की 50 उत्तर पुस्तिकाओं में अदला-बदली प्रकरण की जांच के बाद संशोधित परिणाम शनिवार को जारी कर दिया। कॉपी अदला-बदली प्रकरण की जांच और 1345 अभ्यर्थियों द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के परीक्षण के बाद उनमें से कई लोगों द्वारा लगाई गईं आपत्तियों का निस्तारण करते हुए आयोग ने पांच अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए सफल घोषित कर दिया है।
अभ्यर्थियों के साक्षात्कार की तिथि आयोग बाद में घोषित करेगा। हालांकि आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि जांच के दौरान कितने अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में असफल घोषित हुए हैं। आयोग के परीक्षा नियंत्रक हर्ष देव पांडेय के अनुसार पीसीएस-जे की मुख्य परीक्षा में शामिल 047370, 047380, 047433, 047665 और 047718 अनुक्रमांक वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए सफल घोषित करते हुए वेबसाइट पर इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है।
साथ ही कहा है कि संशोधित परिणाम श्रवण पांडेय व समान प्रकृति की अन्य याचिकाओं में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित होने वाले अंतिम निर्णय के आधीन रहेगा। मुख्य परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी होने के बाद अब अभ्यर्थियों की नजर साक्षात्कार पर टिक गई है।
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यूपीपीएससी ने पीसीएस-जे 2022 के 303 पदों पर भर्ती निकाली थी और पिछले वर्ष 30 अगस्त को 302 पदों पर अंतिम चयन परिणाम जारी किया था। इस दौरान मुख्य परीक्षा में अपने नंबरों से असंतुष्ट अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने आरटीआइ डाली तो उत्तर पुस्तिकाओं में अदला-बदली जैसी गंभीर चूक सामने आई थी।
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उत्तरपुस्तिका देखने के बाद अभ्यर्थी का आरोप था कि अंग्रेजी विषय की उत्तरपुस्तिका में हैंडराइटिंग बदली गई है और अन्य के कुछ पन्ने फाड़े गए हैं। इससे वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया। साथ ही अंग्रेजी में उसे 200 में से मात्र 47 अंक मिले हैं।मूल्यांकन से असंतुष्ट अभ्यर्थी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। उच्च न्यायालय द्वारा अभ्यर्थी की सभी छह उत्तर पुस्तिकाएं तलब करने के बाद आयोग ने शपथपत्र देकर 50 उत्तर पुस्तिकाओं की अदला-बदली स्वीकार की थी। साथ ही कापियों की जांच में परिणाम संशोधन को लेकर उच्च न्यायालय को अवगत कराया था।
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