Exclusive: चार छात्रों ने तैयार की ऐसी तकनीकी, सामान का नाम लेते ही खुल जाएगा वायस कंट्रोल स्मार्ट दराज
एक ही दराज में छोटी-छोटी चीजें रखी होती है जो आसानी से नहीं मिलती। ऐसे में इस तकनीक में दवा या अन्य उत्पाद का नाम देने से ही वह दराज खुल जाएगी इसमें समय भी बचेगा। यह तकनीक फार्मा उद्योगों इलेक्ट्रानिक सहित अन्य दुकानों में सामान की कार्य प्रणाली को आसान कर देगी। इससे लोगों का समय भी बचेगा और दुकानदार को भी आसानी होगी।
मृत्युंजय मिश्र, प्रयागराज। कल्पना करिए! आप मेडिकल स्टोर पर किसी दवा की मांग करते हैं। वहां लंबे समय से काम कर रहे लोग दवा खोजकर लाते हैं। क्या हो कि मात्र काउंटर पर बैठा व्यक्ति सिर्फ दवा का नाम पुकारे और वह दराज अपने आप खुल जाए, जिसमें वह दवा रखी हो।
मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के चार छात्रों ने ऐसी तकनीक विकसित की है जो मात्र आवाज से ही उत्पाद वाला दराज खोल देगी। इसे वायस कंट्रोल स्मार्ट ड्रार (दराज) सिस्टम नाम दिया गया है और इस तकनीक को विकसित करने वाले चारों छात्रों के काम को देखते हुए एटमबर्ग नाम की मल्टीनेशनल कंपनी ने नौकरी के लिए बुलावा भी भेजा दिया है।
एमएनएनआइटी के चार बीटेक छात्रों विपुल कर्णा, सार्थक कुमार, अवनीश साहू और पीयूष चौरसिया ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) और लार्ज लैंग्वेज माडल (एलएलएम) तकनीक का प्रयोग कर वायस कंट्रोल स्मार्ट ड्रार (दराज) सिस्टम बनाया है। इसको मुंबई में हुए एटम क्वेस्ट तकनीकी इवेंट में दूसरा स्थान भी मिला है।
सार्थक और विपुल कर्णा ने बताया कि प्रोटोटाइप तैयार करने में थ्री-डी बायोप्रिंटर की मदद ली गई। दराज प्रणाली तैयार करने के बाद इसके हर दराज में अलग-अलग सामान रखे गए। इसके बाद स्वचालित ड्रार प्रणाली विकसित करने के लिए साफ्टवेयर को मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का प्रयोग कर प्रशिक्षित किया गया। इसके बाद यह प्रणाली तैयार हुई।
छात्र बताते हैं कि एक ही दराज में छोटी-छोटी चीजें रखी होती है, जो आसानी से नहीं मिलती। ऐसे में इस तकनीक में दवा या अन्य उत्पाद का नाम देने से ही वह दराज खुल जाएगी, इसमें समय भी बचेगा। यह तकनीक फार्मा उद्योगों, इलेक्ट्रानिक सहित अन्य दुकानों में सामान की कार्य प्रणाली को आसान कर देगी।
सामान खत्म होने पर अलर्ट भी करेगी प्रणाली
वायस कंट्रोल स्मार्ट ड्रार (दराज) सिस्टम एक केंद्रीय प्रणाली से जुड़ा होगा। इसमें कैमरा और सेंसर भी लगा होगा। इसकी मदद से दराज में उपलब्ध सामान की वास्तविक समय में निगरानी हो सकेगी। यह प्रणाली बता देगी कि अभी कितना सामान बचा है और कितना खत्म हो गया है।
इस तकनीक में आवाज को भी फीड किया जाएगा, जिससे अधिकृत व्यक्ति ही सामान खोल सकेगा। अब छात्र इस प्रणाली को रोबोट के द्वारा नियंत्रित करने पर काम कर रहे हैं। इसमें उत्पाद को दराज से निकालने और उसको ग्राहक को देने का काम भी रोबोट से ही कराया जा सकेगा।