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प्रयागराज के SRN अस्पताल में वार्ड बॉय व संविदा नर्स पर मुसीबत, 4 महीने से नहींं मिला वेतन; धरने पर बैठे कर्मचारी

स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय प्रयागराज मंडल का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां पर 80 प्रतिशत कर्मचारी जिनमें वार्ड ब्वॉय सफाई कर्मी और नर्सिंग स्टाफ भी हैं यह सभी जीत एजेंसी के द्वारा आउटसोर्स पर तैनात किए गए हैं। शनिवार को सुबह की पाली वाले करीब तीन दर्जन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के कार्यालय पर पहुंच गए और नारेबाजी की। कहा कि उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Published: Sat, 22 Jun 2024 02:45 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2024 02:45 PM (IST)
प्रयागराज के SRN अस्पताल में वार्ड बॉय व संविदा नर्स का 4 महीने से नहींं मिला वेतन

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) में कार्यरत वार्ड ब्वॉय और संविदा नर्स बड़ी मुसीबत में घिर गए हैं। इनका चार महीने का वेतन नहीं मिला है। संबंधित एजेंसी का कहना है उसका टेंडर फरवरी में खत्म हो चुका है जबकि अस्पताल प्रशासन लगातार इनसे काम ले रहा है और हाजिरी लगवाई जा रही है।

वेतन न मिलने से आक्रोशित कर्मचारियों ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। उधर अस्पताल में कामकाज भी ठप कर दिया है।

प्रयागराज मंडल का सबसे बड़ा अस्पताल है स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय 

स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय प्रयागराज मंडल का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां पर 80 प्रतिशत कर्मचारी जिनमें वार्ड ब्वॉय, सफाई कर्मी और नर्सिंग स्टाफ भी हैं यह सभी जीत एजेंसी के द्वारा आउटसोर्स पर तैनात किए गए हैं। इनमें करीब 200 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं और 150 नर्सिंग स्टाफ।

शनिवार को सुबह की पाली वाले करीब तीन दर्जन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के कार्यालय पर पहुंच गए और नारेबाजी की। कहा कि उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। कोई कुछ बात नहीं कर रहा है। घर का खर्च कैसे चलेगा यह समझ में नहीं आ रहा है। एजेंसी ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं और मेडिकल कॉलेज का प्रशासन किसी प्रकार की सहानुभूति नहीं दिखा रहा है।

कर्मचारियों के चार महीने का वेतन कौन देगा?

कर्मचारियों का कहना था कि अगर फरवरी में टेंडर खत्म हुआ है तो अब तक उनसे काम किस आधार पर लिया जा रहा है। हाजिरी क्यों लगवाई जा रही है। किसी के अनुपस्थित रहने पर वेतन काटने की लिखा पड़ी अस्पताल प्रशासन द्वारा किस आधार पर हो रही है। कर्मचारियों ने पूछा है कि अगर टेंडर खत्म हो गया है तो चार महीना का वेतन उन्हें कौन देगा।

वार्ड बॉय के हड़ताल से मरीजों की बढ़ी परेशानी

आउटसोर्स वार्ड बॉय के हड़ताल कर देने से अस्पताल में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। गर्मी का मौसम है तमाम तरह की समस्याएं होती हैं जिसे वार्ड ब्वाय निस्तारित करते हैं। फिलहाल यह सभी काम ठप है। कार्यकारी प्राचार्य डॉक्टर वत्सला मिश्रा ने उन्हें आश्वासन दिया है कि एजेंसी से बात करके मामले का निस्तारण कराएंगी।

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