जौनपुर DM के खिलाफ वॉरंट जारी, कोई जवाब नहीं देने पर हाई कोर्ट सख्त; बिजली विभाग से जुड़ा मामला
विद्युत उपकेंद्र जफराबाद जौनपुर के निविदाकर्मियों को छह माह से वेतन नहीं मिला है। इस मामले में हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी को निर्णय लेने का आदेश देते हुए हाजिर होने का आदेश दिया था। उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया और न ही वे हाजिर हुए। अब कोर्ट ने जिलाधिकारी जौनपुर के विरुद्ध जमानती वारंट जारी करि दिया है।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिजली विभाग के निविदाकर्मियों को छह महीने से वेतन नहीं मिलने के मामले में जिलाधिकारी जौनपुर के विरुद्ध जमानती वारंट जारी कर उन्हें आठ अगस्त को हाजिर होने का निर्देश दिया है। इसी दिन अगली सुनवाई होगी।
आरोप है कि कोर्ट के आदेश की सूचना होने के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कोर्ट ने सीजेएम जौनपुर से आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट भी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने जफराबाद विद्युत उपकेंद्र के निविदा (संविदा) कर्मियों शिवाकांत पांडेय व सात अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचीगण की तरफ से अधिवक्ता बागीश पांडेय ने बहस की।
कोर्ट में हाजिर नहीं हुए जिलाधिकारी
सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आदेश की सूचना जिलाधिकारी को पत्र व फैक्स के जरिए दी गई किंतु कोई जवाब नहीं आया। कोर्ट ने इससे पहले याचियों के छह माह से रुके वेतन भुगतान पर जिलाधिकारी को निर्णय लेने का आदेश देते हुए हाजिर होने का आदेश दिया था। उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया और न ही वे हाजिर हुए। इसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया।याची अधिवक्ता का कहना था कि याचियों ने धरना प्रदर्शन किया था। उसी समय वेतन रोक दिया गया था, जबकि वे धरने के दौरान भी ड्यूटी पर थे। सेक्टर मजिस्ट्रेट ने उनके हस्ताक्षर लिए थे। इसके बावजूद वेतन नहीं दिया जा रहा। वह भुखमरी के कगार पर हैं। विद्युत उपकेंद्र जफराबाद में कुल 12 कर्मी कार्यरत हैं।
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