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डीजल समाप्त है, पेट्रोल समाप्त है… हिट एंड रन कानून के विरोध का व्यापक असर, आठ जिलों में सिलेंडर की आपूर्ति ठप

हिट एंड रन कानून के विरोध में चालकों की हड़ताल का व्यापक असर नजर आने लगा है। मंगलवार को दूसरे दिन पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतार लग गई। केंद्र सरकार की ओर से एमवी एक्ट के नियमों में बदलाव को लेकर निजी ट्रांसपोर्टर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। सोमवार से शुरू हुई हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही।

By rajendra yadav Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 02 Jan 2024 08:49 PM (IST)
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डीजल समाप्त है पेट्रोल समाप्त है… हिट एंड रन कानून के विरोध का व्यापक असर।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। हिट एंड रन कानून के विरोध में चालकों की हड़ताल का व्यापक असर नजर आने लगा है। मंगलवार को दूसरे दिन पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतार लग गई। 

केंद्र सरकार की ओर से एमवी एक्ट के नियमों में बदलाव को लेकर निजी ट्रांसपोर्टर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। सोमवार से शुरू हुई हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। 

हड़ताल के चलते खड़े रहे टैंकर

चालकों के हड़ताल का असर यह रहा कि सोमवार देर शाम से इंडियन आयल से तेल भरे टैंकरों के पहिए थम गए। प्रतिदिन करीब 200 टैंकरों से डीजल, पेट्रोल की आपूर्ति होती है, लेकिन हड़ताल के चलते टैंकर खड़े रहे। इसका असर भी नजर आया। 

लोगों ने नोक-झोंक भी की

पेट्रोल व डीजल लेने के लिए दोपहर एक बजे से पंपों पर ऐसी भीड़ जुटी कि लोगों में धक्का-मुक्की होने लगी। वाहन में पहले तेल भरवाने को लेकर बाई का बाग, मानसरोवर, बिजली घर, सिविल लाइंस में पेट्रोल पंप कर्मियों से कुछ लोगों ने नोक-झोंक भी की। 

शाम होते-होते हालात ऐसे हो गए कि पेट्रोल पंप के बाहर सड़क तक वाहनों की कतार लग गई। इससे आवागमन बाधित होने लगा। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने जैसे-तैसे लोगों से वाहनों को कतारबद्ध करवाया। 

गैस सिलेंडर की आपूर्ति ठप

उधर, त्रिवेणीपुरम झूंसी स्थित इंडियन ऑयल बॉटलिंग प्लांट से जुड़े टैंकर व ट्रक चालकों की हड़ताल से दो दिनों से प्रयागराज समेत गोरखपुर, आजमगढ़, सोनभद्र, प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही व कौशांबी में गैस सिलेंडर की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। इस प्लांट से प्रतिदिन करीब चार सौ ट्रकें प्रतिदिन विभिन्न जनपदों को जाती हैं। 

इसके अलावा, बॉटलिंग प्लांट में नागपुर व कोलकाता से आने वाले टैंकर भी नहीं पहुंचे। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र, नासिक, छत्तीसगढ़, मप्र, अमरावती, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के साथ ही उप्र प्रदेश के विभिन्न जनपदों से सब्जी व फल लेकर आने वाली ट्रकें भी बेहद कम हो गई हैं।

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