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उत्तर प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ा सकती है योगी सरकार, इलाहाबाद हाईकोर्ट में दिया आश्वासन

उत्तर प्रदेश सरकार लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ा सकती है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय दिए जाने को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सरकार की तरफ से यह जानकारी दी गई है। सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि लगभग 1.5 लाख शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि से सरकारी खजाने पर भार पड़ेगा इसलिए वित्त विभाग को सहमति के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 20 Nov 2024 05:08 PM (IST)
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1.5 लाख शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने पर विचार, सरकार का हाईकोर्ट में आश्वासन।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सेवारत लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय राज्य सरकार बढ़ा सकती है। इस संबंध में वित्त विभाग को पत्र भेजा गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय दिए जाने को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सरकार की तरफ से यह जानकारी  मंगलवार को सुनवाई के दौरान दी गई। 

राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि लगभग 1.5 लाख शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि से सरकारी खजाने पर भार पड़ेगा, इसलिए वित्त विभाग को सहमति के लिए रिपोर्ट भेजी गई है। वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ सुनवाई कर रही है।

समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग

याची के अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में शिक्षामित्रों को समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए याचिका दाखिल की गई थी। याचिका निस्तारित करते हुए न्यायालय ने कहा था कि शिक्षामित्रों को दिया जाने वाला  मानदेय काफी कम है। 

कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि समिति का गठन किया जाए। वित्तीय इंडेक्स के अनुसार जीवन जीने के लिए सम्मान जनक मानदेय निर्धारित किया जाए। आदेश का पालन नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई है।

वित्त विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

सरकारी वकील ने कोर्ट को अवगत कराया कि कोर्ट के 12 जनवरी 2024 के आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में  उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नौ अगस्त को सौंप दी है। वित्तीय बोझ को देखते हुए वित्त विभाग को रिपोर्ट भेजी गई है।

आईसीटी लैब व स्मार्ट क्लास से पढ़ाई का शिक्षक को देना होगा हिसाब

परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रयोग पर अब सख्ती की जाएगी। विद्यालयों में 209863 टैबलेट शिक्षकों को दिए गए हैं। वहीं 18381 स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई जा चुकी है और 880 ब्लाक में इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब हैं। फिर भी शिक्षक बेहतर ढंग से पढ़ाई कराने के लिए इनका प्रयोग नहीं कर रहे। ऐसे में अब शिक्षकों को इसके उपयोग का हिसाब-किताब देना होगा।

प्रदेश में 880 ब्लाक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) पर आइसीटी लैब तैयार कर विद्यार्थियों को कंप्यूटर का ज्ञान देने की व्यवस्था की गई है। बीआरसी के आसपास के विद्यालयों के विद्यार्थियों को रोस्टर के अनुसार इस लैब में कंप्यूटर का ज्ञान हासिल करने के लिए भेजा जाएगा।

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