योगी सरकार स्वच्छ और डिजिटल महाकुंभ को कर रही प्रोत्साहित, तकनीक के इस्तेमाल से सुनिश्चित की जाएगी सफाई और निगरानी
मुख्य सचिव ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के सभागार में आयोजित बैठक में कहा कि महाकुंभ को लेकर जो तैयारियां चल रही हैं वो बहुत अच्छी हैं। विपरीत परिस्थितियों और बारिश के बावजूद भी काम पूरी गति से आगे बढ़ रहा है। जितने भी विभाग यहां तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं सभी अपने कार्यों को 30 दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लेंगे।
डिजिटल डेस्क, प्रयागराज। योगी सरकार महाकुंभ को स्वच्छ और डिजिटल महाकुंभ के रूप में प्रदर्शित करने पर खास फोकस कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार को प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शीर्ष समिति की 15वीं बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इस महाकुंभ को डिजिटल और स्वच्छ महाकुंभ के तौर पर प्रदर्शित करने के लिए जो भी आवश्यक कदम हैं वो उठाए जाने चाहिए। पूरे शहर और कुंभ मेला क्षेत्र में डिजिटल साइनेज होने चाहिए। सफाई की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। प्रत्येक स्थान पर डस्टबिन हो, उसके साथ सफाई कर्मी और कूड़ा उठाने वाली गाड़ी के बीच समन्वय होना चाहिए।
विपरीत परिस्थितियों के बावजूद तेजी से हो रहा काम
मुख्य सचिव ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के सभागार में आयोजित बैठक में कहा कि महाकुंभ को लेकर जो तैयारियां चल रही हैं वो बहुत अच्छी हैं। विपरीत परिस्थितियों और बारिश के बावजूद भी काम पूरी गति से आगे बढ़ रहा है। जितने भी विभाग यहां तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं, सभी अपने कार्यों को 30 दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लेंगे। एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग को लेकर जो भी समस्याएं हैं, उसके विषय में भारत सरकार के साथ विमर्श किया जाएगा। उम्मीद है कि मेला की शुरुआत तक इस समस्या को हल कर लिया जाएगा। अधिक से अधिक फ्लाइट्स को ऑपरेट करने का प्रयास किया जा रहा है।तकनीक के इस्तेमाल से सुनिश्चित हो साफ सफाई
उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में हमने कुंभ के आयोजन में कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। खासतौर पर स्वच्छ कुंभ को लेकर काफी काम किया गया है। पहले कुंभ शुरू होने और खत्म होने तक दुर्दशा होती थी, लेकिन अब इनोवेशन का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर स्थितियों में क्रांतिकारी बदलाव लाया गया है। इस महाकुंभ को भी स्वच्छता के दृष्टिकोण से अद्भुत बनाना है। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
तकनीक के इस्तेमाल से सफाई और उसकी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। सफाई की यही कार्ययोजना यूरिनल्स को लेकर भी बनाई जाए। वहां पानी रुकना नहीं चाहिए। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का निस्तारण सुनिश्चित होना चाहिए। जहां-जहां डस्टबिन लगाए जाने हैं उन्हें सफाई कर्मी के साथ और सफाई कर्मी का वेस्ट उठाने वाली गाड़ी के साथ समन्वयन होना चाहिए। क्लीनिंग के लिए खास टीम होनी चाहिए।
प्लास्टिक फ्री महाकुंभ को करें प्रोत्साहित
उन्होंने कहा कि कोई भी नाला खुला नहीं होना चाहिए। नाले का पानी नदी में नहीं जाना चाहिए। आवश्यकता हो तो स्पेशलाइज्ड टीमों को इसमें लगाया जाना चाहिए। नालों के साथ-साथ सॉलिड वेस्ट का निस्तारण प्राथमिकता में होना चाहिए। कोई भी डस्टबिन भरा हुआ नहीं होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि शहर में जहां-जहां कम्युनिटी टॉयलेट्स हैं, वहां लोग टेबल लगाकर न बैठें।
साथ ही, एंट्रेंस एरिया खाली रहना चाहिए, ताकि किसी को असुविधा न हो। सफाई कर्मियों के खाने पीने की व्यवस्था जहां वो हों वहीं सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्लास्टिक फ्री महाकुंभ को प्रोत्साहित करें। दोना, पत्तल, जूट के थैले सब्सिडाइज्ड होने चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसको इस्तेमाल करें। हाथ से दोना और पत्तल बनाने वालों को भी मेला क्षेत्र में स्टॉल दिलाए जाने की व्यवस्था की जाए। पेंट माई सिटी के तहत ओवरब्रिज और आरओबी पर बड़े आर्टिस्ट्स द्वारा पेंटिंग्स को लगाया जाना चाहिए।
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