जिले की 151 न्याय पंचायतों में बनेंगे गोवंश आश्रय स्थल
119 जगह चिह्नित की जा चुकी है जमीन जल्द निर्माण शुरू कराने की तैयारी
रायबरेली : नगरीय और ग्रामीण इलाकों को मिलाकर जिले में इस वक्त 38 गोवंश आश्रय स्थल हैं। इसके बावजूद हर जगह लोग बेसहारा मवेशियों से परेशान हैं। इसे देखते हुए शासन ने अब हर न्याय पंचायत स्तर पर एक अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल बनाने का निर्णय लिया है।
जनपद में 151 न्याय पंचायतें हैं। शासन का निर्देश आने के बाद इनमें से 119 जगह गोवंश आश्रय स्थल के लिए भूमि चिह्नित की जा चुकी है। हालांकि, योजना भले ही पशुपालन विभाग ने बनाई है। लेकिन, इन पशु आश्रय स्थलों का निर्माण ग्राम पंचायतों की तरफ से कराया जाएगा। मनरेगा समेत अन्य निधियों से बजट खर्च होगा। इनकी देखरेख का जिम्मा भी ग्राम पंचायतों के पास ही रहेगा। माना जा रहा है कि इन गोवंश आश्रय स्थलों के बनने के बाद बेसहारा मवेशियों लोगों के लिए मुसीबत नहीं बनेंगे। फसल को लेकर चिन्तित किसानों को राहत मिलेगी। पशुओं की वजह से होने वाले हादसे रुकेंगे।
100 मवेशियों की होती क्षमता
एक गोवंश आश्रय स्थलों की क्षमता 100 मवेशियों तक रखने की होगी। पशुओं के लिए टिनशेड, चारे के लिए नांद और पीने के पानी का इंतजाम किया जाएगा। पशुओं की देखरेख के लिए कर्मचारियों की तैनाती होगी। इलाज की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग के चिकित्सक संभालेंगे।
जल्द शुरू होगा कार्य
शासन की मंशा के अनुरूप हर न्याय पंचायत स्तर पर अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल का निर्माण कराया जा रहा है। जल्द से जल्द काम शुरू कराने के निर्देश शासन से मिले हैं। इनके बनने के बाद बेसहारा पशुओं की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
-डॉ. जीपी सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी