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मोजांबिक देश की रेल पटरियों पर दौड़ेंगे एमसीएफ में बने कोच -

-भारतीय रेल में प्रयुक्त होने वाले डिब्बों के सापेक्ष होंगे छोटे और सकरे -रायबरेली के लालगंज स्थित फैक्ट्री में तैयार हो रहे डिब्बे

By JagranEdited By: Updated: Sat, 13 Feb 2021 11:40 PM (IST)
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मोजांबिक देश की रेल पटरियों पर दौड़ेंगे एमसीएफ में बने कोच -

(अतुल त्रिपाठी) रायबरेली : मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) लालगंज में बने कोच दक्षिण पूर्वी अफ्रीका के देश मोजांबिक की रेल पटरियों पर दौड़ेंगे। इसके लिए कारखाने में काम शुरू हो गया है। भारत में चलने वाली रेलगाड़ी के डिब्बों की अपेक्षा यह कुछ छोटे व सकरे होंगे। डिमांड और डिजाइन के मुताबिक 90 कोच के निर्माण का कार्य यहां चल रहा है। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना में मोजांबिक देश के लिए तैयार हो रहे कोच विशेष और अत्याधुनिक हैं। यह कोच भारतीय रेल के डिब्बों से काफी अलग होंगे। हालांकि अभी इस संबंध में विभागीय अफसर अधिक जानकारी देने से कतरा रहे हैं, लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि करीब 90 कोच तैयार किए जाने हैं। इस पर काम तेजी से चल रहा है। ये कोच 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम होंगे। भारत में चलने वाली रेलगाड़ी के कोच से यह डिब्बे करीब तीन मीटर छोटे होंगे। इनमें पॉवर सप्लाई के लिए जनरेटर लगे होंगे। डिब्बों के दोनों छोर पर चार की जगह केवल तीन-तीन शौचालय होंगे। चौथे शौचालय की जगह पर पॉवर पैनल लगेगा।

इनसेट

एक तरफ ही होगी बैठने की व्यवस्था

कारखाने के सूत्र बताते हैं कि भारत में आम तौर पर डिब्बा निर्माण के लिए ब्रॉड गेज (1676 एमएम) व मीटर गेज (1000 एमएम) का प्रयोग होता है, जबकि मोजांबिक डिब्बे विशेष प्रकार के केप गेज (1067 एमएम) में बनेंगे। पटरियों पर इनकी पकड़ मजबूत रहेगी। डिब्बों की लंबाई 20300 व चौड़ाई 2950 एमएम होगी। यहां के कोच में दोनों तरफ सीटें होती हैं, जबकि मोजांबिक के कोच में एक तरफ ही सीट होगी। इनकी भी सुनें

राइट्स संस्था द्वारा आरेडिका में मोजांबिक कोचों का निर्माण कराया जा रहा है। कोचों का निर्माण डिजाइन विभाग कर रहा है। अधिक जानकारी वही दे सकता है।

अनिल श्रीवास्तव

जनसंपर्क अधिकारी, आरेडिका

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