सौ किमी की रफ्तार से दौड़ा इलेक्ट्रिक इंजन, रेल लाइन पास
आरवीएनएल ने सिर्फ इंजन चलाकर किया ट्रायल अगले सप्ताह सीआरएस देंगे हरी झंडी
रायबरेली : हाल ही में ऊर्जीकृत की गई रायबरेली-ऊंचाहार रेल लाइन पहली परीक्षा में पास हो गई। शुक्रवार को रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने 100 किमी की रफ्तार से इंजन दौड़ाकर इसका ट्रायल लिया, जो सफल रहा। अब अगले सप्ताह निरीक्षण के बाद मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) इस पर ट्रेनों के संचालन को हरी झंडी देंगे।
रायबरेली से ऊंचाहार और दरियापुर से डलमऊ तक 60 किमी लंबी रेल लाइन के ऊर्जीकरण को 70 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ था। आरवीएनएल की देखरेख में कल्पतरु पॉवर लिमिटेड ने यह कार्य शुरू कराया था। दरियापुर से डलमऊ के बीच 25 किमी लंबी लाइन में सिर्फ 10 फीसद काम बचा है। रायबरेली से ऊंचाहार के बीच 35 किमी रेल लाइन ऊर्जीकृत हो चुकी है। इसी के बाद इसका ट्रायल लिया गया। रायबरेली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर विधि विधान से इलेक्ट्रिक इंजन की पूजा हुई। इसके बाद आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक निश्चल श्रीवास्तव, मैनेजर केके वर्मा, जेएन मिश्र, इलेक्ट्रिकल मैनेजर रामराज, प्रोजेक्ट मैनेजर पतिराज और कार्यदायी संस्था के उपाध्यक्ष इंद्रजीत कुमार ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर इंजन को रवाना किया। इस मौके पर अनुभव, लवली सक्सेना, शशांक यादव, मनोज पांडेय समेत अन्य अफसर व कर्मचारी भी मौजूद रहे।
सफल रहा परीक्षण
कार्यदायी संस्था के परियोजना प्रबंधक कफील अख्तर रिजवी ने बताया कि सुबह 11.50 बजे रायबरेली से चलकर 12.26 बजे इंजन ऊंचाहार पहुंच गया था। वहां से 12.43 बजे चलकर 1.15 बजे फिर रायबरेली पहुंच गया। इस दौरान इंजन को 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार भी दी गई। ऐसे में लाइन का यह परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा।
प्रयागराज तक हो सकेगा संचालन
पहले ट्रायल में पास होने के बाद अब मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त इस लाइन का जायजा लेंगे। इसके लिए संभवत: अगले सप्ताह ही उनका कार्यक्रम आ सकता है। सीआरएस की हरी झंडी मिलते ही इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। इसके बाद प्रयागराज तक ट्रेनें बिजली से चलने लगेंगी।