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बिजली वि‍भाग का कारनामा: कनेक्शन कटने के बाद भेज द‍िया 75 हजार का रुपये का बिल, उपभोक्ता फोरम ने किया निरस्त

यूपी के रायबरेली ज‍िले में बिजली विभाग का कारनामा सामने आया है। शख्‍स ने पूरा बिजली का बिल जमा कर कनेक्शन को कटवा दिया लेकिन फ‍िर एक द‍िन उपभोक्ता को 74.88 हजार रुपये बिजली का बिल बकाया होने की नोटिस भेज द‍िया। शख्‍स ने उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया। उपभोक्ता फोरम ने बिल को निरस्त करने का आदेश दे दिया है।

By vikash chandra bajpai Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 17 Oct 2024 02:06 PM (IST)
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बिल बकाया होने का नोटिस मिला तो शख्‍स के पैरों तले खिसक गई जमीन।- सांकेत‍िक तस्‍वीर
जागरण संवाददाता, रायबरेली। बिजली विभाग का कारनामा सामने आया है। उपभोक्ता ने पूरा बिजली का बिल जमा कर कनेक्शन को कटवा दिया, लेकिन विभाग ने अभिलेखों में कनेक्शन को जारी रखा। अचानक एक दिन उपभोक्ता को 74.88 हजार रुपये बिजली का बिल बकाया होने की नोटिस मिली तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। पीड़ित ने उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया। उपभोक्ता फोरम ने बिल को निरस्त करने का आदेश दे दिया है।

सलोन के करहिया बाजार के पियारे पुर गांव के छोटे लाल ने बताया कि उसने 2002 में ग्रामीण विद्युतीकरण करण योजना के तहत घरेलू कनेक्शन लिया था। विभाग बिना मीटर के हर माह एक सौ रुपये बिजली का बिल जमा करता था। 13 फरवरी 2020 को बिजली विभाग की ओर से छोटेलाल के घर में मीटर लगा दिया और बताया कि मीटर के अनुसार ही अब बिजली का बिल जमा करना पड़ेगा।

व‍िभाग ने कागज पर जारी रखा ब‍िजली कनेक्‍शन

उपभोक्ता छोटेलाल ने 15 फरवरी को विभागीय कार्यालय जाकर बकाया 1,153 हजार रुपये जमा कर कनेक्शन काटने का आवेदन कर दिया। 25 फरवरी 2020 को पूरा भुगतान होने की रसीद देकर छोटेलाल का कनेक्शन काट दिया, लेकिन कागज पर कनेक्शन को जारी रखा गया।

छोटेलाल ने उपभोक्‍ता फोरम में दायर क‍िया वाद

नवंबर 2021 को फर्जी ढंग से 55,809 हजार बकाया बिल की नोटिस भेज दिया। शिकायत की गई, जिसपर एक्सईएन ने तीन अगस्त 2022 को बिलिंग बंद करने का आदेश दिया। इसके बाद भी बिल को कागज पर नहीं बंद किया गया। अक्टूबर 2022 में बिजली विभाग की ओर से 74,880 हजार रुपये बकाया बिल को जमा करने के लिए चेतावनी दी गई। कई बार शिकायत के बाद भी बिल में सुधार न होने पर छोटेलाल ने 29 अक्टूबर 2022 को उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर कर दिया।

उपभोक्‍ता फोरम ने न‍िरस्‍त क‍िया बि‍ल

एक वर्ष 10 माह तक चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपना-अपना पक्ष रखा। उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष मदन लाल निगम, सुनीता मिश्रा व प्रतिमा सिंह ने 21 सितंबर को अपना आदेश सुनाते हुए 74,880 हजार रुपये के बकाया बिल को निरस्त कर दिया और 13 फरवरी 2020 से 12 दिसंबर तक संशोधित बिल जमा कराने का आदेश दिया।

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