UPPCL: 24 घंटे नहीं मिल रही बिजली! सरकार के आदेश के बाद भी कटौती; सवाल करने पर क्या बोले जिम्मेदार?
रायबरेली में सरकार के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के आदेश के बावजूद शहर में 3-4 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 7-8 घंटे की अघोषित कटौती हो रही है। इससे लोगों में रोष है। बिजली कटौती से बच्चों की पढ़ाई और व्यापार पर भी असर पड़ रहा है। अधिशासी अभियंता का कहना है कि आरडीएसएस योजना का काम चल रहा है और बीच-बीच में फाल्ट हो जाती है।
जागरण टीम, रायबरेली। त्योहारों में सरकार की ओर से 24 घंटे निर्बाध बिजली सप्लाई देने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी बीते चार दिनों से शहर में तीन से चार तो ग्रामीण अंचल में सात से आठ घंटे की अघोषित कटौती की जा रही है। ऐसे में जिले में बैठे बिजली विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठना स्वाभाविक है। सरकार के निर्देशों को अमल में न लाने के चलते लोगों में रोष है।
शहर के कचेहरी रोड, प्रगतिपुरम, गोरा बाजार, मलिकमऊ, इंदिरा नगर, बस स्टेशन, राना नगर आदि क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था बीते तीन-चार दिनों से गड़बड़ाई हुई है। तेलियाकोट के अनिल, समीर, सोहराब, रायपुर के दिनेश कुमार, विजय, राहुल, सऊद, इंदिरा नगर के विनोद, रितेश आदि ने बताया कि तीन दिनों से दिन रात मिलाकर करीब चार से पांच घंटे कटौती हो रही है।
अधिकतर शाम के समय ही कटौती
बिजली जाने का कोई समय नहीं है। अधिकतर शाम के समय ही कटौती होती है, जिससे बच्चों को पढ़ाई में समस्या का सामना करना पड़ता है। व्यापारियों का कहना है कि त्योहारों का सीजन चल रहा है। ऐसे में अधिकतर ग्राहक दोपहर बाद या फिर शाम में ही खरीदारी के लिए निकलते हैं। ऐसे समय पर बिजली कटौती से व्यापार पर भी फर्क पड़ता है।क्या बोले अधिशासी अभियंता?
अधिशासी अभियंता आनंद वर्मा का कहना है कि आरडीएसएस योजना का काम कराया जा रहा है। साथ ही बीच बीच में फाल्ट हो जाती है, जिसके चलते बिजली कटौती की जा रही है।
अन्य इलाकों में भी यही हाल
महराजगंज : ग्रामीण राम चंद्र, राम नरेश, श्रीराम, सनेही ने बताया कि सरकार के आदेश के बाद भी 24 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। सबसे अधिक समस्या ट्रिपिंग की बनी हुई है। बार-बार लाइट का आना जाना लगा रहता है।त्योहारों में भी अंधेरा छाया
सरेनी : क्षेत्र में विद्युत कटौती से लोग त्रस्त हैं। धनपालपुर के शिवमोहन सिंह का कहना है कि पहले मोबाइल पर बिजली कटौती का संदेश आ जाता था तो पता रहता था कि कितनी देर के लिए कटौती हुई है, लेकिन अब तो कुछ पता ही नहीं चलता है। ग्रामीण क्षेत्र में मात्र 12 से 14 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। त्योहारों में भी अंधेरा छाया है।वीरेंद्र जायसवाल का कहना है कि बाजार त्योहारों में जगमगाया करते थे मगर बिजली न मिलने से शाम को ही अंधेरा हो जाता है। त्योहारों की शाम भी आम लग रही है। सरेनी के सुधीर तिवारी का कहना है कि क्षेत्र में कुल मात्र 15 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। एसडीओ अतुल सिंह का कहना है कि फाल्ट के कारण कटौती की जा रही है। इसके अतिरिक्त जितनी बिजली मिलती है सप्लाई की जाती है।
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