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रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी प्रियंका गांधी! सोनिया के राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन करते ही अटकलों पर लगने लगा विराम

सोनिया गांधी इस कार्यकाल में लोगों से दूर रहीं जबकि रायबरेली के लोग उनके आने की राह देखते रहे। हालांकि बुधवार को राजस्थान से राज्यसभा से दावेदारी करने की खबर से कार्यकर्ताओं में मायूसी भी देखने को मिली लेकिन कांग्रेसियों का मानना है कि गांधी परिवार से नए सदस्य के आने से यहां के रुके विकास कार्यों को रफ्तार मिलने की उम्मीद भी प्रबल हो गई है।

By Pulak Tripathi Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 15 Feb 2024 08:25 AM (IST)
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कांग्रेसी रायबरेली से प्रियंका की दावेदारी को और मजबूत मान रहे हैं।
पुलक त्रिपाठी, रायबरेली। गांधी परिवार की सबसे मजबूत रायबरेली सीट अब उनकी तीसरी पीढ़ी संभालेगी। बुधवार को सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन करने के साथ यह दावा और मजबूत हो गया है। कांग्रेसी रायबरेली से प्रियंका की दावेदारी को और मजबूत मान रहे हैं। इतिहास के पन्नों को पलटें तो यहां 1952 से अब तक एक बार ही गांधी परिवार का सदस्य पराजित हुआ है। गांधी परिवार के साथ यहां के लोगों का लगाव अटूट माना जाता है। इसी भरोसे को देखते हुए प्रियंका के चुनावी मैदान में उतरने की अटकलें उम्मीद अब और तेज हाे गई हैं। लंबे समय से गांधी परिवार के ही किसी न किसी सदस्य की यहां से दावेदारी होती रही है।

संसदीय क्षेत्र से दूर रहीं सोनिया

उम्र के साथ स्वास्थ्य में गिरावट के कारण सोनिया गांधी इस कार्यकाल में लोगों से दूर रहीं। जबकि रायबरेली के लोग उनके आने की राह देखते रहे। हालांकि, बुधवार को राजस्थान से राज्यसभा से दावेदारी करने की खबर से कार्यकर्ताओं में मायूसी भी देखने को मिली, लेकिन कांग्रेसियों का मानना है कि गांधी परिवार से नए सदस्य के आने से यहां के रुके विकास कार्यों को रफ्तार मिलने की उम्मीद भी प्रबल हो गई है।

सोनिया पहली बार 1999 के लोकसभा चुनाव में लड़ीं। उन्होंने बेल्लारी (कर्नाटक) और अमेठी (उत्तर प्रदेश) से चुनाव लड़ा और दोनों जगह चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने बेल्लारी की सीट छोड़ दी।

2004 में अमेठी सीट से राहुल गांधी ने चुनाव लड़ा। सोनिया स्वयं रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीत दर्ज की। इसके बाद ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मुद्दे पर सोनिया ने 2006 में संसदीय सीट से इस्तीफा दिया। फिर उप चुनाव में जीतकर आईं।

इसके बाद 2009, 2014, 2019 के लोकसभा चुनावों में लगातार जीतती रहीं। प्रचंड मोदी लहर के दौर में भी इस सीट ने कांग्रेस की लाज बचाए रखी। 2019 में अमेठी से राहुल गांधी हार गए, लेक‍िन सोनिया जीतने में कामयाब रहीं।

रायबरेली में सोनिया हमेशा रही अजेय

2004 में पहली बार रायबरेली से सोनिया ने चुनाव लड़ा और तब से लगातार वह हर चुनाव में वह जीत दर्ज करती रहीं। उन्हें चुनाव में शिकस्त देने के लिए हर बार जाल बिछाया जाता, लेकिन रायबरेली के मतदाताओं के बीच दिली लगाव के कारण सोनिया हमेशा अजेय रहीं।

साेनिया गांधी हम कांग्रेसियों की अभिभावक हैं। उनका दस्नेह हम सभी को हमेशा मिलता रहेगा। हां यह सही है कि उनके रायबरेली से चुनाव न लड़ने का दुख तो है, पर इस बात की खुशी भी है कि रायबरेली से गांधी परिवार का सदस्य ही लड़ेगा। रायबरेली से प्रियंका गांधी का चुनाव लड़ना लगभग तय है।- पंकज तिवारी, जिलाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी

सांसद प्रतिनिधि क‍िशोरी लाल शर्मा ने कहा क‍ि अमेठी की जनता चाहती है कि राहुल गांधी वहां से और वायनाड दोनों जगह से चुनाव लड़ें, जहां से अधिक वोट मिलेगा, वे उस सीट को चुनें। वहीं अगर रायबरेली की बात करें, तो स्वाभाविक है कि रायबरेली से जो प्रियंका गांधी लड़ सकती है। हालांकि यह फैसला पार्टी हाईकमान का है।

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