Raebareli Lok Sabha 2024: रायबरेली के राहुल… जनता ने लगाई मुहर, सोनिया गांधी के ‘एक संदेश’ का दिखा असर
राहुल की जीत ने मां सोनिया की विरासत को बरकरार रखा। राहुल की वायनाड से भी जीत के बाद यह चर्चा है कि अब यहां से उपचुनाव में प्रियंका वाड्रा चुनाव लड़ सकती हैं। कांग्रेस का गढ़ रायबरेली में राहुल के लिए मां सोनिया गांधी की विरासत बचाने की जिम्मेदारी थी। 2004 से लगातार पांच बार सोनिया के यहां से सांसद रहने के बाद इस बार राहुल मैदान में थे।
पुलक त्रिपाठी, रायबरेली। रायबरेली के राहुल... कांग्रेस के इस स्लोगन पर रायबरेली की जनता ने भी मुहर लगा दी। राहुल गांधी ने भाजपा प्रत्याशी दिनेश सिंह को करारी शिकस्त देते हुए शानदार जीत दर्ज की। राहुल को करीब सात लाख वोट मिले, जबकि दिनेश प्रताप सिंह को तीन लाख वोट ही मिले।
राहुल को मिली जीत ऐतिहासिक है, क्योंकि 2006 में सोनिया गांधी ने सपा के राजकुमार को 4,17,888 वोटों से शिकस्त दी थी। राहुल ने उस आंकड़े को भी पार कर जीत के अंतर का एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
सोनिया की विरासत को बरकरार रखा
राहुल की इस जीत ने मां सोनिया की विरासत को बरकरार रखा। राहुल की वायनाड से भी जीत के बाद यह चर्चा है कि अब यहां से उपचुनाव में प्रियंका वाड्रा चुनाव लड़ सकती हैं।कांग्रेस का गढ़ रायबरेली में राहुल के लिए मां सोनिया गांधी की विरासत बचाने की जिम्मेदारी थी। 2004 से लगातार पांच बार सोनिया के यहां से सांसद रहने के बाद इस बार राहुल मैदान में थे। राहुल को शानदार जीत दिलाने के लिए बहन प्रियंका ने प्रचार की कमान स्वयं संभाली।
कम समय में जबरदस्त माहौल
प्रियंका तीन मई को भाई राहुल के नामांकन में साथ रहीं। उसके बाद पांच मई को वह रायबरेली पहुंच गई। प्रियंका ने प्रचार और जनसंपर्क के जरिए कांग्रेस के पक्ष में बेहद कम समय में जबरदस्त माहौल तैयार कर दिया। वह 18 मई तक रायबरेली में ही डटी रहीं। इन तेरह दिनों में महज एक दिन के लिए वह तेलंगाना गईं।प्रवास के 13 दिनों में प्रियंका ने करीब हर दिन दो दर्जन से अधिक नुक्कड़ सभाएं व जनसपंर्क किया। रायबरेली में 2004 से कांग्रेस का लगातार दबदबा कायम है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।