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Rahul Gandhi: रायबरेली या वायनाड? चुनाव में जीत के बाद अब इस बात को लेकर चर्चा में चल रहे राहुल गांधी

लोकसभा चुनाव 2024 पर ही अगर हम बात करें तो कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में राहुल से अधिक प्रियंका सक्रिय रही हैं। राहुल की जीत की जिम्मेदारी भी प्रियंका ने अपने ऊपर ली। 3 मई को नामांकन के बाद पांच मई को ही वह रायबरेली पहुंच गई। पहुंचते ही प्रियंका ने भूएमऊ गेस्ट हाउस पर रायबरेली के कार्यकर्ताओं से संवाद किया। वह 18 मई तक रायबरेली में ही डटी रहीं।

By Pulak Tripathi Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 06 Jun 2024 08:09 AM (IST)
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राहुल रायबरेली या वायनाड में किसे चुनेंगे, इसे लेकर चल रही चर्चा।

पुलक त्रिपाठी,रायबरेली। 390030 मतों से रायबरेली और 364422 मतों से वायनाड। दोनों जगह शानदार जीत। चुनाव परिणाम आने के बाद अब एक बड़ा सवाल लोगों के बीच चर्चा में है। राहुल रायबरेली या वायनाड में किसे चुनेंगे। लोगों का कहना है कि मतों को आधार मानकर बात की जाए तो राहुल के लिए भी यह तय करना शायद कठिन होगा कि रायबरेली चुनें या वायनाड। राहुल कौन सी सीट चुनेंगे, कौन छोड़ेंगे यह वही तय करेंगे।

उपचुनाव में प्रियंका के मैदान में आने के आसार

लोकसभा चुनाव 2024 पर ही अगर हम बात करें तो कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में राहुल से अधिक प्रियंका सक्रिय रही हैं। राहुल की जीत की जिम्मेदारी भी प्रियंका ने अपने ऊपर ली। 3 मई को नामांकन के बाद पांच मई को ही वह रायबरेली पहुंच गई। पहुंचते ही प्रियंका ने भूएमऊ गेस्ट हाउस पर रायबरेली के कार्यकर्ताओं से संवाद किया। वह 18 मई तक रायबरेली में ही डटी रहीं। इन 13 दिनों में महज एक दिन के लिए वह तेलंगाना गईं। बाकी अन्य दिन रायबरेली में कार्यकर्ता और आमजनमानस के बीच रहीं।

प्रियंका ने प्रचार और जनसंपर्क की ऐसी रूपरेखा पहले से ही तैयार कर ली थी कि बेहद कम समय में वह अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सकें। हुआ भी वही। प्रियंका की कैपेनिंग का ही परिणाम रहा कि बेहद कम समय में कांग्रेस के पक्ष में माहौल दिखने लगा।

25 साल से रायबरेली में सक्रिय हैं प्रियंका

साल 1999 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से कैप्टन सतीश शर्मा लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए गए थे। वहीं भाजपा ने कांग्रेस से बगावत करके आए अरुण नेहरू को मैदान में उतारा था। यही वो चुनाव था जहां से प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में पदार्पण करते हुए लगभग हार चुके चुनाव में कांग्रेस की वापसी कराई।

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बापजेई की लहर में भी भाजपा प्रत्याशी को शिकस्त दी थी। साल 1999 लोकसभा चुनाव के बाद, 2004, 2006 उपचुनाव, 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी की जीत में सबसे बड़ा योगदान बेटी प्रियंका का रहा। पांच लोकसभा चुनाव जीतकर सोनिया रायबरेली से हमेशा अजेय रहीं। प्रियंका का यही जादू भाई राहुल के लिए 2024 में भी बरकरार रहा। अपनी राजनीतिक कुशलता के बलबूते प्रियंका ने सभी विधानसभा में अपनी मजबूती को चुनाव से पहले ही सुनिश्चित किया और शानदार जीत दर्ज कराई।

सोनिया, राहुल और प्रियंका जी से रायबरेली की जनता बहुत प्यार करती है। रायबरेली गांधी परिवार की सीट है। गांधी परिवार को रायबरेली ने हमेशा स्नेह और आर्शीवाद दिया है। यही कारण रहा है कि हमने हमेशा बड़ी जीत पाई। इस विषय पर पार्टी शीर्ष नेतृत्व और राहुल गांधी जी स्वयं निर्णय लेंगे।- पंकज तिवारी, जिलाध्यक्ष कांग्रेस